Smartphone Brightness: कुछ लोग अपने स्मार्टफोन की ब्राइटनेस को हमेशा हाई पर सेट करके रखते हैं. विजिबिलिटी काफी बेहतर हो जाती है और वीडियो देखने के दौरान या फिर गेम खेलने के दौरान आपको एक नेक्स्ट लेवल एक्सपीरियंस मिलता है. हालांकि इससे कुछ नुकसान भी है जिन्हें नजरअंदाज करके लोग ब्राइटनेस को पूरी तरह से बढ़ा देते हैं और अपना स्मार्टफोन इस्तेमाल करते रहते हैं लेकिन इससे स्मार्टफोन में कुछ बड़े डैमेज हो सकते हैं जिन्हें ठीक करवाने में आपको हजारों रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं. अगर आप ऐसा नहीं चाहते हैं तो हम आपको उन दिक्कतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो ब्राइटनेस फुल पर रखने की वजह से स्मार्टफोन में हो सकती है.
फुल ब्राइटनेस पर स्मार्टफोन चलाने की वजह से इसकी बैटरी लाइफ कम हो जाती है और उसके पीछे वजह यह है कि बैटरी तेजी से खर्च होती है और बार-बार ऐसा होने पर बैटरी लाइफ पर प्रभाव पड़ता है.
ब्राइटनेस फुल रखने की वजह से कई बार स्मार्टफोन हैंग भी करने लगता है ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोसेसर पर दबाव जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है और फिर स्मार्टफोन हैंग करना शुरू हो जाता है.
आप शायद यह बात नहीं जानते होंगे कि स्मार्टफोन की डिस्प्ले की ब्राइटनेस फुल रखने की वजह से डिस्प्ले में कई तरह की दिक्कतें आ सकती है जिनमें ईटिंग की वजह से डैमेज ही शामिल है जो आपके डिस्प्ले को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा देता है और फिर आपको डिस्प्ले बदलवाने पड़ता है.
स्मार्टफोन की ब्राइटनेस फुल रखने पर बैटरी की खपत सबसे ज्यादा बढ़ जाती है, इस दौरान आप अगर स्मार्टफोन में कोई टास्क परफॉर्म कर रहे हैं तो बैटरी और भी ज्यादा खर्च होती है और कुछ ही घंटे इस्तेमाल करने के बाद स्मार्टफोन को दोबारा से चार्ज करना पड़ता है.
बैटरी ओवरहीटिंग के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा यह शायद कई बार आपके स्मार्टफोन में भी बैटरी और हीटिंग की समस्या होती होगी. ब्राइटनेस फुल रखने की वजह से भी यह समस्या शुरू हो सकती है और एक बार यह समस्या शुरू हो जाए तो फिर आए दिन आपको इसकी वजह से परेशानी होगी ऐसे में ब्राइटनेस को मीडियम पर ही सेट रखें और जरूरत पड़ने पर ही ब्राइटनेस को फुल करें.
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