इस भारतीय मूल के शख्स ने अपनी ही कंपनी के 400 कर्मचारियों को बना दिया करोड़पति, जानिए कैसे
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इस भारतीय मूल के शख्स ने अपनी ही कंपनी के 400 कर्मचारियों को बना दिया करोड़पति, जानिए कैसे

एक इंटरव्यू में बंसल ने बताया कि जब उन्होंने अपनी कंपनी बेची तो उनके मन में बहुत सारे अलग-अलग विचार आए. उन्होंने कहा, 'कंपनी बेचना अच्छा भी होता है और बुरा भी. एक तरफ तो इससे बहुत फायदा होता है लेकिन दूसरी तरफ यह एक अध्याय या किताब खत्म होने जैसा भी होता है. मैं थोड़ा खो गया था.'

 

इस भारतीय मूल के शख्स ने अपनी ही कंपनी के 400 कर्मचारियों को बना दिया करोड़पति, जानिए कैसे

ज्योति बंसल ने अपनी कंपनी AppDynamics को 2017 में सिस्को को 3.7 बिलियन डॉलर में बेच दिया था. ज्योति बंसल 46 साल के हैं और उन्होंने यह कंपनी बनाई थी. इस डील से कंपनी में काम करने वाले बहुत सारे लोगों को करोड़पति बना दिया. सीएनबीसी मेक इट्स द मोमेंट सीरीज़ के साथ एक इंटरव्यू में बंसल ने बताया कि जब उन्होंने अपनी कंपनी बेची तो उनके मन में बहुत सारे अलग-अलग विचार आए. उन्होंने कहा, 'कंपनी बेचना अच्छा भी होता है और बुरा भी. एक तरफ तो इससे बहुत फायदा होता है लेकिन दूसरी तरफ यह एक अध्याय या किताब खत्म होने जैसा भी होता है. मैं थोड़ा खो गया था.'

कैसे बनाया 400 कर्मचारियों को अमीर?

AppDynamics में 400 कर्मचारी काम करते थे. जब सिस्को ने AppDynamics को खरीदा तो इससे कंपनी में काम करने वाले बहुत सारे लोगों की जिंदगी बदल गई. कंपनी ने यह फैसला कई वजहों से लिया था. एक वजह यह थी कि AppDynamics का सॉफ्टवेयर सिस्को के सॉफ्टवेयर के साथ अच्छा काम करता था.

दूसरी वजह यह थी कि इससे कंपनी के 1200 कर्मचारियों को बहुत फायदा होता. बंसल ने सीएनबीसी मेक इट को बताया कि कंपनी में बहुत सारे कर्मचारी ऐसे थे जिनके पास $5 मिलियन से ज्यादा का पैसा था. यह बहुत बड़ी बात है. बंसल के प्रवक्ता ने बताया कि जब कंपनी बिकी तो लगभग 400 कर्मचारियों के पास $1 मिलियन से ज्यादा का पैसा था.

स्टार्टअप बेचने की 3 वजहें

ज्योति बंसल ने बताया कि उन्होंने अपनी कंपनी सिस्को को तीन वजहों से बेची थी. पहली वजह यह थी कि सिस्को एक बहुत बड़ी कंपनी है और इसके बहुत सारे ग्राहक हैं. दूसरी वजह यह थी कि सिस्को के कर्मचारियों को बहुत आजादी मिलती है. तीसरी वजह यह थी कि इससे कंपनी के मालिकों, निवेशकों और कर्मचारियों को बहुत फायदा होता.

बंसल ने कहा कि जब उन्होंने अपनी कंपनी बेची तो उनके लिए पैसों के मामले में सब ठीक था क्योंकि वे कंपनी के मालिक थे. लेकिन कंपनी में काम करने वाले लगभग 300 कर्मचारियों ने बहुत पैसा कमाया. उन्होंने बताया कि अब अगर कोई उन्हें उनकी कंपनी खरीदना चाहे तो वे नहीं बेचेंगे क्योंकि उन्हें कंपनी बनाना, प्रोडक्ट बनाना, प्रॉब्लम सॉल्व करना और मार्केट में कंपटीशन करना बहुत अच्छा लगता था. हालांकि यह बहुत तनावपूर्ण था लेकिन उन्हें मज़ा आया. उन्हें लगता है कि वे अपनी कंपनी के साथ अभी और भी काम कर सकते थे.

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