Sudha Chandran Biography: हौसलों की उड़ान से क्या कुछ मिल सकता है ये बताती हैं सुधा चंद्रन. जिन्होंने अपना एक अंग तो खाया लेकिन हिम्मत को सहारा बना लिया और फिर ऐसा कमाल हुआ कि वो देखते ही देखते टीवी की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस बन गईं.
सुधा चंद्रन का नाम आते ही याद आ जाती है कहीं किसी रोज सीरियल की रमोला सिकंद, जिन्होंने टेलिविजन के इस किरदार को आइकॉनिक बना दिया. वो डेली सोप शुरू होने का दौर था और सुधा छा गईं लेकिन उससे पहले से ही उन्होंने पहले से ही वो स्क्रीन पर जाना पहचाना चेहरा बन चुकी थीं.
लेकिन ये सब इतना आसाना नहीं था और इसकी वजह थी 16 साल की उम्र में सुधा के साथ हुआ एक हादसा जिसमे उन्होंने अपना एक पैर गंवा दिया था. इतनी कम उम्र में शरीर का कोई अंग धड़ से अलग हो जाए तो क्या बीतती होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सुधा भी उसी दर्द से गुजरीं लेकिन वो कहते हैं ना हिम्मत और वक्त सबसे बड़ी ताकत है.
सुधा इस हादसे से पहले क्लासिकल डांस किया करती थीं और पैर कटने के बाद यूं लगा कि शायद अब कभी वो नाच नहीं पाएंगीं लेकिन 3 सालों की कोशिशों और नकली पैर मिलने के बलबूते ना सिर्फ उन्होंने चलना सीखा बल्कि वो डांस भी करने लगी थी. इसके बाद उन्हीं के जीवन पर साउथ मेंएक फिल्म बनी मयूरी जिसे हिंदी भी बनाया गया.
इस फिल्म से उन लोगों को भी हौसला मिला जो अपने जिंदगी में कुछ खोने के बाद सारी उम्मीद ही हार बैठे थे. कई फिल्मों में अभिनय के बाद 90 के दशक में सुधा चंद्रन ने छोटे पर्दे का रूख किया और वो अब तक बहुरानियां, चंद्रकांता, कभी इधर कभी उधर, अंतराल, कहीं किसी रोज, क्योंकि सास भी कभी बहू थी और नागिन में नजर आ चुकी हैं.
इतना काम करने की बदौलत और आइकॉनिक किरदारों में नजर आने के बाद सुधा की गिनती आज हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस में की जाती है. इतना ही नहीं वो टीवी की अनुपमा को कड़ी टक्कर दे रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सुधा एक एपिसोड के 3 लाख रूपए चार्ज करती हैं.
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