मिर्जापुर के विंध्य पर्वत श्रृंखला के बीच और गंगा नदी के किनारे मां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर स्थित है. यह मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा लगी रहती है. आसपास के जिलों से तो लोग आते ही हैं. साथ ही अगल बगल के राज्यों के लोग भी दर्शन करने आते हैं. आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में स्थित मिर्जापुर के विंध्याचल धाम के बारे में.
विंध्याचल मंदिर का विंध्याचल नाम से अपना रेलवे स्टेशन है. बनारस से इसकी दूरी लगभग 65 किलोमीटर है. अगर आप प्रयागराज से आ रहें हैं तो वहां से विंध्याचल स्टेशन 73 किलोमीटर दूर है.
इस मंदिर के मुख्य द्वार का अभी हाल में ही निर्माण हुआ है. यह देखने में बहुत ही भव्य और सुंदर लगता है.
महाबारत काल में धर्मराज युधिष्ठिर देवी की अराधना करते हुए कहते हैं - हे माता पर्वतों में श्रेष्ठ विंध्याचल पर आप सदा विराजमान रहती हैं. विन्ध्याचल सदा से ही माता का निवास-स्थान रहा है. भक्तों की भीड़ यहां लगी रहती है.
यहां आप मां विंध्यवासिनी के मुर्ति स्वरूप का दर्शन कर सकते हैं. हिंदु मान्यताओं के अनुसार स्रृष्टी की रचना से पहले से ही विंध्यवासिनी की पूजा होती आ रही है.
मंदिर के बगल में ही गंगा घाट भी है. जहां आप स्नान आदि से लेकर नांव की सवारी कर सकते हैं.
बाय एयर - विंध्याचल के सबसे निकटतम बाबतपुर में स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो वाराणसी में मौजूद है. यहां से मंदिर की दूरी लगभग 72 किलोमीटर है
ट्रेन से - नजदीकी रेलवे स्टेशन 'विंध्याचल' (BDL), जहां से लगभग एक किलोमीटक की दूरी पर विंध्यवासिनी माता का मंदिर है. दूसरा विकल्प है मिर्जापुर रेलवे स्टेशन (MZP), जहां से विंध्याचल स्टेशन 7 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है.
सड़क से - सड़क से विंध्याचल मंदिर तक का सफर राष्ट्रीय राजमार्ग 2 (NH2) से सुविधाजनक तरीके से तय किया जा सकता है.
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