रेल कर्मियों के संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (NFIR) का कहना है कि आगामी ऑल इंडिया वर्किंग कमेटी में इन मुद्दों पर विमर्श कर बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
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नई दिल्ली: सरकार द्वारा शुक्रवार को पेश किए अंतरिम बजट 2019-20 में भारतीय रेलवे के लिए की गई घोषणाओं से लाखों रेलकर्मी खुश नहीं दिख रहे हैं. रेलवे संगठनों का कहना है कि हमें आस थी कि सरकार पुरानी पेंशन नीति लागू करने को लेकर बड़ी घोषणा करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. साथ ही न्यूनतम वेतनमान में वृद्धि और माल-भाड़ा किराया भी नहीं बढ़ाए जाने से रेल संगठनों ने नाखुश हैं. रेल कर्मियों के संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (NFIR) का कहना है कि आगामी ऑल इंडिया वर्किंग कमेटी में इन मुद्दों पर विमर्श कर बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
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एनएफआईआर के प्रवक्ता और उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष एस.एन मलिक ने रेल बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रेल कर्मियों की पुरानी पेंशन नीति लागू करने की लंबित मांग पर भी इस बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया. इससे भारतीय रेलवे के लाखों रेल कर्मियों में काफी नाराजगी है. साथ ही इस बजट में कर्मचारियों का कोई खास ख्याल नहीं रखा गया. 5 लाख तक की आय पर टैक्स छूट से रेलवे के क्लास फोर कर्मचारियों को भी फायदा नहीं हुआ, क्योंकि वे भी इसके दायरे में आ रहे हैं.
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मलिक ने आगे कहा कि इस बजट में किसी भी नई ट्रेन की कोई घोषणा नहीं की गई. नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आनंद विहार, सराय रोहिल्ला जैसे बड़े रेलवे स्टेशनों के लिए भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई, जिससे आम यात्रियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा किसी भी नए रेलवे अस्पताल की घोषणा नहीं की गई. उनका कहना है कि रेलवे कर्मियों की कोई भी विशेष मांग पूरी नहीं की गई.
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