गरियाबंद: जीवन को जीने के लिए महिलाओं को बहुत संघर्ष करना होता है. जीवन के हर पड़ाव में महिलाओं को अलग-अलग किरदार निभाने पड़ते हैं. कभी बेटी, कभी बहन, कभी पत्नी तो कभी मां. अपने हर किरदार में खरा उतरना भी महिलाओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. दुनिया आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है. पॉवरफुल बिजनेस वीमेन, फेमस एक्ट्रेस की स्टोरी अपने बहुत पढ़ी होंगी, लेकिन छत्तीसगढ़ के गरियाबंद की सावित्री की कहानी लोगों को लिए किसी मिसाल से कम नहीं है. कैसर की बीमारी के चलते सावित्री के पति की मौत हो गई. इसके बाद उन्होंने अपना और बच्चों का पेट भरने के लिए साइकिल पर सूप और टोकरी रखकर गांव-गांव बेचना शुरू कर दिया.