नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश में किसान संगठनों द्वारा प्रस्तावित किसान आंदोलन से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने करीब 1200 लोगों को प्रतिबंधात्मक नोटिस जारी किए हैं. वहीं प्रशासन ने गड़बड़ी से निपटने के लिए नीमच जिले के मनासा के ढाकनी गांव निवासी 80 वर्षीय एक बुजुर्ग किसान को भी नोटिस थमा दिया. आपको बता दें कि किसान संगठनों द्वारा एक से दस जून तक प्रस्तावित किसान आंदोलन को लेकर हाई अलर्ट पर है. पुलिस प्रशासन किसान आंदोलन में गड़बड़ी की स्थिति से निपटने के लिए सारे उपाय अपना रही हैं. इसके चलते पुलिस ने मध्यप्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह गौतम के साथ करीब 1200 लोगों को प्रतिबंधात्मक नोटिस जारी किए हैं. हाल ही में किसान क्रांति सेना के प्रमुख हार्दिक पटेल को भी पुलिस प्रशासन ने किसान आंदोलन की अवधि के दौरान रैली करने की अनुमति देने से मना कर दिया था. प्रशासन का कहना था कि पटेल के आने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. किसान संगठनों की घोषणा को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने पुलिस प्रशासन को पूर्व में ही अलर्ट रहने का आदेश जारी कर दिया था. सरकार ने आदेश जारी किए थे कि आंदोलन में गड़बड़ी की स्थिति में सख्त रवैया अपनाया जाए. किसानों को उकसाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. वहीं नोटिस मिलने के बाद किसान गणेशराम पाटीदार का कहना है कि मेरा कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और मेरा आंदोलन से कोई लेना-देना भी नहीं है. उन्होंने बताया कि बीते तीन साल से मेरी तबीयत खराब है और मुझे पुलिस ने मुझे नोटिस थमा दिया है. बुजुर्ग किसान को नोटिस देने पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शिवराज सिंह और पुलिस के खिलाफ नारे बाजी की. भाकियू कार्यकर्ताओं ने मनासा तहसीलदार कार्यालय पहुंच कर तहसीलदार को पूरे मामले से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा. वहीं तहसीलदार सुमन ने उच्च अधिकारी से मामले को निस्तारित कराने की बात कही है.