छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में किसानों और आदिवासियों के बाद बाद अगर कोई सबसे बड़ा कोई वोट बैंक है तो वो है सतनामी समाज का. यहां सतनामी समाज में 98% लोग अनुसूचित जाति के लोग होते हैं. इस समाज के सबसे बड़े धर्म गुरू रुद्र कुमार कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं.
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CG Satnami Samaj impact Story: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में किसानों और आदिवासियों के बाद बाद अगर कोई सबसे बड़ा कोई वोट बैंक है तो वो है सतनामी समाज का. यहां सतनामी समाज में 98% लोग अनुसूचित जाति के लोग होते हैं. इस समाज के सबसे बड़े धर्म गुरू रुद्र कुमार कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. बघेल सरकार में गुरू रुद्र कुमार मंत्री भी थे. वहीं इस बार भी तीसरी बार नवागढ़ विधानसभा से वो चुनावी मैदान में हैं. गुरू रूद्र कुमार का दावा है कि कांग्रेस ने समाज के लिए बहुत कुछ किया है.
बीजेपी को खुली चुनौती
सतनामी समाज के धर्म गुरु रुद्र गुरु का कहना है कि सतनामी समाज के मेले को सफल बनाने से लेकर बड़ा जैतखाम बनाने तक का सारा का सारा काम कांग्रेस पार्टी ने ही किया है. कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ में सतनाम संदेश यात्रा निकालकर इस समाज को अपने साथ जोड़ने का काम भी किया है. कांग्रेस पार्टी के समाज के लिए किए गए काम के दम पर दावा कर रहे हैं कि बीजेपी में इतना दम नहीं है कि वो सतनामी समाज में सेंध लगा सके.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सतनामी समाज की अहमियत समझिए
रुद्र गुरु के मुताबिक छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 में से 55 विधानसभा सीट पर सतनामी समाज का वोट डिसाइडिंग फैक्टर रहता है.और खुद गुरु ही जब कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हों तो इसका फायदा कांग्रेस पार्टी को होना ही चाहिए.
बीजेपी को भी सतनामी समाज से उम्मीद
हालांकि बीजेपी के नेता पुन्नू लाल मोहले का दावा है कि हैं कि वो भी उसी समाज से हैं. पुन्नू लाल मुंगेली विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में पुन्नू लाल सतनामी समाज के सबसे सीनियर नेता हैं. अबतक पुन्नू लाल लोकसभा और विधानसभा के करीब 10 चुनाव लड़ चुके हैं और एक बार भी हारे नहीं हैं. उन्हें भी छत्तीसगढ़ की राजनीति में अजेय भी कहा जाता है.
पुन्नू लाल का दावा है कि बीजेपी ने सनातनी समाज और उनके तीर्थ स्थल के विकास के लिए बहुत काम किया है. सतनामी समाज के लिए बीजेपी के काम गिनाते हुए मोहले साहब लंबी लिस्ट गिनाते नहीं थकते. साथ ही रूद्र गुरू पर कटाक्ष करते हुए पुन्नू लाल कहते हैं कि अगर गुरु की बात करते हैं तो बाल दास गुरु हमारे साथ भी हैं.
2018 में थी कांटे की टक्कर
छत्तीसगढ़ में कुल 10 विधानसभा सीट SC समाज के लिए आरक्षित है. अनुसूचित जाति की बात करें तो इसमें 98 फ़ीसदी लोग सतनामी समाज से जुड़े हुए हैं. पिछले विधनसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी 10 में से 9 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी. हालांकि दोनों पार्टियों के बिच SC सीटों पर महज़ 1 % वोट का फासला था.
रुद्र का सम्मान क्या वोट बैंक में बदल पाएगा?
आखिर सतनामी समाज के लोग किस आधार पर वोट देने की तैयारी में हैं. लोग साफ़ तौर पर कह रहे हैं कि यहां पार्टी के आधार पर वोट करते हैं. गुरु के नाम पर कोई वोट नहीं पड़ेगा. कुछ लोग तो गुरु लोगों की राजनीति में एंट्री पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं. सतनामी समाज के कुछ लोग तो कांग्रेस पार्टी से खासे नाराज दिख रहे हैं. उनका आरोप है कि सतनामी समाज के लोगों के साथ जब जब अन्याय हुआ कांग्रेस ने उनका साथ नहीं दिया. रुद्र की सभाओं में समाज के लोगों में उनके प्रति सम्मान तो दिखता है. लेकिन ये सम्मान वोट भी दिलाएगा इसकी कोई गारंटी नहीं है.