MP Chunav 2023: मध्य प्रदेश का वो इलाका जहां खुद श्रीराम चलाते हैं सरकार, रोज पुलिस देती है सलामी
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MP Chunav 2023: मध्य प्रदेश का वो इलाका जहां खुद श्रीराम चलाते हैं सरकार, रोज पुलिस देती है सलामी

Madhya Pradesh Election 2023: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी महज़ 1 मिनट देरी से पहुंची थीं लेकिन तब तक मंदिर के कपाट बंद हो गए थे. उन्होंने धूप और गर्मी में करीब आधे घंटे तक इंतज़ार किया और मंदिर के कपाट खुलने के बाद ही उन्हें दर्शन मिले.

MP Chunav 2023: मध्य प्रदेश का वो इलाका जहां खुद श्रीराम चलाते हैं सरकार, रोज पुलिस देती है सलामी

MP Election News: आज आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे इलाके की कहानी बताते हैं, जहां सरकार खुद श्रीराम चलाते हैं. आखिर क्यों इस जगह को बुंदेलखंड की अयोध्या कहा जाता है. देखिये ZEE NEWS की इस खास रिपोर्ट में. बेतवा नदी के किनारे बसा ओरछा शहर मध्य प्रदेश के निवाड़ जिले में आता है. ओरछा में प्रवेश करते ही आपको पूरा नगर राम मय नजर आता है. हर गली हर चौराहे पर राजा राम की अमिट छाप नजर आती है. जी हां, प्रभु राम नहीं, राजा राम क्योंकि ओरछा में राजा राम की ही सरकार चलती है.

सैकड़ों सालों से राजसत्ता के सर्वश्रेष्ठ स्वरुप में राजा राम सरकार की पूजा पूरी ओरछा नगरी करती है. सिर्फ यही नहीं, मंदिर में स्पेशल आर्म्स फोर्स की ओर से रोज राजा राम को गार्ड ऑफ ऑनर देने की परंपरा है. ओरछा नगर के परिसर में यह गार्ड ऑफ ऑनर राजा राम के अलावा देश के किसी भी वीवीआईपी को नहीं दिया जाता.

तीन शर्तों के साथ आए थे ओरछा

मंदिर से जुड़े जानकार बताते हैं कि राजा राम इस जगह पर तीन शर्तों के साथ आए थे. दरअसल ओरछा के शासक मधुकर शाह कृष्ण भक्त हुआ करते थे और उनकी पत्नी रानी कुंवरी गणेश रामभक्त थीं. एक बार मधुकर शाह ने पत्नी से कह दिया कि राम सच में हैं तो उन्हें ओरछा लाकर दिखाओ. बस इसी बात पर रानी कुंवरी गणेश अयोध्या पहुंच गईं. लेकिन, जब काफी समय के बाद उन्हें भगवान ने दर्शन नहीं दिए तो उन्होंने सरयू नदी में कूदने का फैसला किया. लेकिन उससे पहले ही भगवान राम बाल स्वरूप में उनकी गोद में आकर बैठ गए. तब रानी ने उन्हें ओरछा चलने को कहा. राम भी उनकी बात को मान गए. लेकिन, उन्होंने अपनी तीन शर्तें रख दीं. ये शर्तें थीं-

  1. ओरछा में जहां बैठ जाऊंगा, वहां से उठूंगा नहीं
  2. मेरे राजा के रूप में विराजमान होने के बाद वहां पर किसी और की सत्ता नहीं रहेगी.
  3. ओरछा बाल रूप में जाऊंगा और स्थापना पुरुष नक्षत्र में होगी

चला गया था मंत्री पद

यहां रहने वाले पूर्व वरिष्ठ पत्रकार और इतिहास के जानकार बताते हैं कि इस मंदिर में बड़े-बड़े राजनेता आते हैं और यहां राजा राम का आशीर्वाद लेते हैं ताकि विरोधियों को पराजित कर वो विजय पा सकें. उनका कहना है कि एक बार अर्जुन सिंह सरकार के एक मंत्री ओरछा दर्शन करने आए थे और जानकारी के अभाव में उन्होंने सुरक्षाकर्मियों की सलामी ले ली. कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री कार्यालय से बुलावा आया और उनका मंत्री पद चला गया था. सिर्फ यही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी महज़ 1 मिनट देरी से पहुंची थीं लेकिन तब तक मंदिर के कपाट बंद हो गए थे. उन्होंने धूप और गर्मी में करीब आधे घंटे तक इंतज़ार किया और मंदिर के कपाट खुलने के बाद ही उन्हें दर्शन मिले.

महाकाल लोक की तर्ज पर राजा राम सरकार के दरबार में अब राजा राम लोक का निर्माण किया जाएगा. हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजा रामलोक की आधारशिला रखी थी. अयोध्या की रग-रग में राम हैं और ओरछा की धड़कन में राम हैं. सदियों बाद भी यहां राम पूरे ठाठ के साथ विराजमान हैं और अपनी सत्ता का संचालन करते हैं.

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