Telangana Elections 2023: बीएसपी उम्मीदवार ने बताया, ‘मैं एक छोटे से कॉल सेंटर में काम करने लगी और समुदाय के सदस्यों के साथ दिल्ली में भीख भी मांगती थी. हालांकि, मुझे एहसास हुआ कि मुझे कुछ बड़ा और अलग करना चाहिए.'
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Telangana Assembly Elections 2023: कभी दिल्ली के टैफिक सिग्नलों पर भीख मांगने और एक छोटे से कॉल सेंटर की नौकरी करने वाली 32 वर्षीय ट्रांसजेंडर चित्रपु पुष्पिथालय तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राजनीति के क्षेत्र में किस्मत आजमा रही हैं. वह वारंगल पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं और उनका मुकाबला सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस से है.
पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में चित्रपु पुष्पिथालय ने कहा कि पीड़ितों के खिलाफ आवाज उठाने की इच्छा ने उन्हें चुनाव लड़ने का दृढ़ संकल्प दिया और मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने उन्हें जरूरी मंच दिया. चुनाव जीतने पर वह न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय को, बल्कि सभी को अच्छी शिक्षा मुहैया करने का वादा करती हैं.
15 साल की उम्र में आई थीं दिल्ली
पुष्पिथालय ने कहा कि जब वह 15 साल की थीं तब वह लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए राष्ट्रीय राजधानी चली गई थीं.
बीएसपी उम्मीदवार ने बताया, ‘मैं एक छोटे से कॉल सेंटर में काम करने लगी और समुदाय के सदस्यों के साथ दिल्ली में भीख भी मांगती थी. हालांकि, मुझे एहसास हुआ कि मुझे कुछ बड़ा और अलग करना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ अत्याचार मेरे के लिए सबसे बड़ी चिंता है. इसलिए मैंने भीख मांगना बंद करने का फैसला किया, एक उद्देश्य के लिए काम शुरू किया तथा वापस अपने मूलस्थान वारंगल लौट आईं.’
यह पूछे जाने पर कि वह सत्तारूढ़ बीआरएस पार्टी के निवर्तमान विधायक नरेंद्र नन्नापुनेनी और कांग्रेस के कोंडा सुरेखा जैसे लोगों से कैसे मुकाबला कर पाएंगी, पुष्पिथालय ने कहा कि लोग उनका ‘इतिहास’ जानते हैं और उन्हें पिछड़ा वर्ग, अनुसूचति जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों का समर्थन प्राप्त है.
पुष्पिथालय ने कहा, ‘जब आबादी में केवल एक प्रतिशत हिस्सा रखने वाले लोग हम पर शासन कर सकते हैं, तो हम, बहुसंख्यक, उनसे मुकाबला क्यों नहीं कर सकते?’
‘हमारी पार्टी विविधता का सम्मान करती है’
बसपा के तेलंगाना प्रमुख आर.एस. प्रवीण कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी की विचारधारा समावेशी है और विविधता का सम्मान करती है.
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘ट्रांसजेंडर को भी जरूरत है कि उनकी आवाज विधानसभा में सुनी जाए और वे सदन में जगह पाने के हकदार भी हैं. यह उनकी गलती नहीं है कि वे ट्रांसजेंडर बन गए. हम उन्हें उचित पहचान देना चाहते हैं.’
पुष्पिथालय ने दावा किया कि उनको चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है और लोग कुछ दान भी कर रहे हैं जिससे उन्हें चुनाव खर्च पूरा करने में मदद मिलेगी.
‘मैं ऐसा कोई वादा नहीं करती’
बसपा उम्मीदवार ने कहा, ‘मैं दो कमरे वाले घर देने का या ऐसा कोई भी वादा नहीं करती. अगर मैं चुनी गई तो मैं सभी को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं देने की कोशिश करूंगी. शिक्षा के लिए सुविधाएं प्रदान करना प्राथमिक उद्देश्य है.’
ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए किसी विशेष योजना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सभी लोग एक समान हैं लेकिन अच्छी शिक्षा मिलने के बाद इस समुदाय के लोगों को सड़कों पर भीख मांगने से रोकने में मदद मिलेगी.
पुष्पिथालय के चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनके पास बैंक खाते में 52,000 रुपये हैं और कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है.
(इनपुट - भाषा)