MP Election 2023: कौन हैं राजनीति के जय-वीरू और गब्बर.. मध्यप्रदेश चुनाव में कैसे हुई फिल्मी किरदारों की एंट्री?
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MP Election 2023: कौन हैं राजनीति के जय-वीरू और गब्बर.. मध्यप्रदेश चुनाव में कैसे हुई फिल्मी किरदारों की एंट्री?

Madhya Pradesh Elections 2023: मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए प्रचार थम गया है. लेकिन राज्य के चुनाव प्रचार की चर्चा अब भी हो रही है. वो इसलिए कि इस प्रचार में जय-वीरू, गब्बर, बच्चन और सलमान से लेकर राम, अहिरावण, धृतराष्ट्र सब थे.

MP Election 2023: कौन हैं राजनीति के जय-वीरू और गब्बर.. मध्यप्रदेश चुनाव में कैसे हुई फिल्मी किरदारों की एंट्री?

Madhya Pradesh Elections 2023: मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए प्रचार थम गया है. लेकिन राज्य के चुनाव प्रचार की चर्चा अब भी हो रही है. वो इसलिए कि इस प्रचार में जय-वीरू, गब्बर, बच्चन और सलमान से लेकर राम, अहिरावण, धृतराष्ट्र सब थे. वोटर्स को लुभाने के लिए नेताओं का फिल्मी अंदाज भी दिखा और धार्मिक ज्ञान भी. चुनाव प्रचार में सियासी दिग्गजों ने फिल्मी किरदारों के साथ-साथ ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ के पात्रों का भी जिक्र किया.

कमलनाथ और दिग्विजय.. जय-वीरू

कांग्रेस में टिकटों के बंटवारे को लेकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच विवाद किसी से छिपा नहीं है. इन दोनों के विवाद को खत्म करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बीच में आना पड़ा. पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला मामले को ठंडा करने की कोशिश करते हुए दोनों दिग्गज नेताओं को "शोले" के पात्रों 'जय' और 'वीरू' की दोस्ती के समान बताया था. ब्लॉकबस्टर फिल्म में 'जय' और 'वीरू' की भूमिकाएं अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र ने निभाई थीं.

शिवराज सिंह चौहान गब्बर!

नाथ की टिप्पणियों पर निशाना साधते हुए राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने तंज कसते हुए कहा था कि फिल्म में 'जय' और 'वीरू' को 'चोरों' के रूप में जाना जाता है. बाद में, नाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फिल्म का मुख्य खलनायक 'गब्बर' करार दिया और उन पर विभिन्न घोटालों के माध्यम से राज्य को लूटने का आरोप लगाया था. चौहान ने बाद में कहा कि कांग्रेस नेता इस जोड़ी (नाथ और सिंह) को ‘जय’ - ‘वीरु’ की जोड़ी बता रहे थे जबकि यह जोड़ी जय-वीरु की नहीं बल्कि एक अन्य फिल्म ‘मेरे अपने’ के श्याम और छेनू की है जो अपने अपने इलाकों पर कब्जा करने को लेकर लड़ते रहते थे.

सिंह और नाथ की तुलना 'धृतराष्ट्र' से

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बंटी हुई कांग्रेस कभी भी मध्य प्रदेश का भला नहीं कर सकती. अपनी एक चुनावी रैली में, चौहान ने सिंह और नाथ की तुलना महाभारत के पात्र 'धृतराष्ट्र' से करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने अपने बेटों को स्थापित करने और उन्हें राज्य की बागडोर सौंपने के लिए पार्टी संगठन को किनारे कर दिया है. नाथ की "कपड़े फाड़ो" टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए चार नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि कांग्रेस नेता, उनके "संवाद" और उनकी घोषणाएं सभी "फिल्मी" हैं.

पीएम मोदी ने ली चुटकी

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस नेता फिल्मी हैं, उनके संवाद फिल्मी हैं, उनकी घोषणाएं फिल्मी हैं, उनके किरदार भी फिल्मी हैं और जब किरदार फिल्मी है तो जाहिर तौर पर सीन भी फिल्मी होगा.' प्रधानमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस के दो नेताओं के बीच 'कपड़े फाड़ने' की प्रतियोगिता चल रही है. उन्होंने कहा कि यह तो केवल एक "ट्रेलर" था. तीन दिसंबर को (जब वोटों की गिनती होगी) भाजपा की जीत के बाद कांग्रेस की असली तस्वीर यहां दिखेगी . कांग्रेस के भीतर का असली संघर्ष सामने आएगा.

प्रियंका का शिवराज पर निशाना

बुधवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री चौहान 'विश्व-प्रसिद्ध अभिनेता' हैं जो मेगास्टार अमिताभ बच्चन को भी मात दे सकते हैं, लेकिन जब भी कोई काम के बारे में बात करता है, तो वह (कॉमेडियन) असरानी की तरह व्यवहार करने लगते हैं. उन्होंने विपक्ष की ओर से किए गए कथित दुर्व्यवहार के बारे में 'रोते रहने' के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष किया था.

सलमान की फिल्म तेरे नाम का जिक्र

गांधी ने कहा था, "क्या आपने सलमान खान की फिल्म 'तेरे नाम' देखी है जिसमें वह शुरू से अंत तक रोते रहते हैं? मैं कहती हूं, आइए हम 'मेरे नाम' शीर्षक से मोदी जी पर एक फिल्म बनाएं." इससे पहले, सांवेर में एक रैली के दौरान, जहां से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी सहयोगी और राज्य मंत्री तुलसीराम सिलावट चुनाव लड़ रहे हैं, प्रियंका ने दावा करते हुए कहा था कि जिस प्रकार अहिरावण (रामायण का एक पात्र) ने भगवान राम को धोखा दिया, उसी प्रकार आपकी चुनी हुई सरकार को वे (भाजपा) चुराकर भ्रष्टाचारी लोक में ले गये.

वोटों की गिनती 3 दिसंबर को

चुनाव अभियान के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री चौहान के साथ-साथ ईडी, सीबीआई और आयकर की तीन केंद्रीय एजेंसियां "पंच पांडव" हैं जिसके खिलाफ कांग्रेस लड़ रही है. उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां भाजपा की ओर से मैदान में हैं. मप्र की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान शुक्रवार को होगा और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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