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Cardiac arrest early signs: आजकल बहुत कम उम्र में लोग दिल की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. आम से लेकर खास लोग भी चलते-फिरत हार्ट अटैक की वजह से इस दुनिया को छोड़कर चले गए फिर चाहे वह सिंगर केके हों या फिर एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला. लेकिन क्या हम सभी हार्ट अटैक के खतरे पर जी रहे हैं और ऐसी क्या वजहें हैं जिनसे चलते-फिरते, नाचते गाते कोई हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है. इससे पहले कि हम में से कोई भी इसकी चमेट में आए हमें इसके वॉर्निंग सिग्नल्स को पहचानने की जरूरत है. सिंगर केके और एक्टर सिद्दार्थ शुक्ला भी मौत से कुछ पल पहले तक ठीक-ठाक थे. एम्स में जिंदगी और मौत से लड़ रहे राजू श्रीवास्तव भी जिम में एक्सरसाइज़ करते-करते हार्ट अटैक का शिकार हो गए. क्या इन सबकी ज़िंदगी में सब कुछ ठीक-ठाक था और ये हादसे अचानक हो गए? इसका जवाब है नहीं! हार्ट अटैक हो या सडन कार्डिएक अरेस्ट से मौत, ये सब आने से पहले खतरे की घंटी बजा रहे होते हैं, बस हम खतरे की घंटी के उस शोर को नज़रअंदाज़ कर देते हैं.
खुद से पूछें इन सवालों के जवाब
इस बीमारी से बचने के लिए कुछ सवालों के जवाब आपको तलाशने होंगे, जैसे क्या आपके माता पिता में से कोई दिल का मरीज है, क्या आपको हाई ब्लड प्रेशर है, क्या आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल ज्यादा है, क्या आप सिगरेट स्मोकर हैं, क्या आप शराब पीते हैं, क्या आप बहुत तनाव में रहते हैं, क्या आपकी उम्र 40 वर्ष या उससे ज्यादा है, क्या आप कोई भी एक्सरसाइज़ नहीं करते. इनमें से जितने ज्यादा सवालों के जवाब आपने हां में दिए हैं तो आपका खतरा उतना ही बड़ा है.
भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में 10 में से 4 की उम्र 45 साल से कम है. 10 साल में भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतें करीब 75% तक बढ़ गई हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या 5 सालों से लगातार बढ़ रही हैं.
2015 – 19038 मृत्यु
2016 – 21908 मृत्यु
2017 – 23246 मृत्यु
2018 – 25764 मृत्यु
2019 – 28005 मृत्यु
2020 – 28579 मृत्यु
कितनी मात्रा में खाएं नमक और चीनी
कोरोना के बाद दिल की बीमारियों के मामले बढ़े हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक हल्के कोरोनो के लक्षणों के बाद रिकवर करने वाले लोगों में भी दिल की बीमारियों का खतरा बना हुआ है. जॉर्ज इंस्टीट्यूट की ग्लोबल हेल्थ इंडिया के आंकलन के मुताबिक शहरी भारतीय रोजाना औसतन 11 ग्राम नमक, 10 चम्मच चीनी और 33 ग्राम घी-तेल कम से कम खाते हैं, जबकि ये मात्रा रोजाना 6 ग्राम नमक, 6 चम्मच चीनी और 20 ग्राम तेल-घी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
ICMR की 12 हजार लोगों पर हुई एक स्टडी में पाया गया कि 41.4% लोग आलसी हैं इसलिए वो कम चलते-फिरते हैं. भारतीय अगर इन दो पर ही काम कर लें यानी केवल एक्सरसाइज़ और खाने पीने को बेहतर करके भी लोग अपने दिल को बीमार होने से बचा सकते हैं. अगर आप बिना वजह थक जाते हैं, काम करने पर सीने में दर्द और बैठने पर राहत होती है, बेचैनी या बांहों में दर्द होता है तो ये वॉर्निंग साइन हैं जिन्हें पहचान लेना चाहिए.
महिलाओं में कई बार कोई लक्षण नहीं आते लेकिन उन्हें मीनोप़ॉज़ के दौरान सतर्क रहना चाहिए. तनाव को नापने का कोई सही पैमाना नहीं है लेकिन तनाव अकेले भी दिल का दुश्मन साबित हो सकता है. अगर कोई व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है तो उसे सीपीआर दिया जाना चाहिए. हार्ट अटैक का अंदेशा होने पर अस्पताल पहुंचाने तक एक एस्प्रिन या डिस्प्रिन दी जा सकती है, जिससे ब्लड क्लॉट खुल सकता है. बढ़ते वजन को जितना जल्दी काबू करेंगें आपके लिए उतना ही बेहतर है.
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