अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर काबिज तालिबान (Taliban) ने सरेआम दी जाने सजाओं के तरीके में बदलाव किया है. उसने इस संबंध में नया आदेश जारी किया है.
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काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर काबिज तालिबान (Taliban) ने देश के सभी अधिकारियों को दोषियों को खुले में मौत की सजा देने से बचने का आदेश दिया है. तालिबान (Taliban) ने कहा कि जब तक टॉप कोर्ट ऐसा करने का ऑर्डर न दे, तब तक लोकल अधिकारी अपराधियों को खुले में सजा देने से परहेज करें.
सहयोगी वेबसाइड Wion के मुताबिक तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा कि मंत्रिमंडल ने दोषियों की सजा पर अहम फैसला लिया है. अब जब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर दोषी को सार्वजनिक रूप से सजा दिए जाने का आदेश न हो, तब तक स्थानीय अधिकारी किसी को भी सार्वजनिक रूप से सजा नहीं देंगे.
जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा कि अब अगर किसी दोषी को सजा दी जाएगी तो लोगों को उसके अपराध के बारे में भी बताया जाएगा. जिससे बाकी लोग उस तरह की गलती करने की कोशिश न कर सकें.
इससे पहले अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर कब्जा जमाते ही तालिबान ने लोगों में खौफ भरने के लिए कईयों को पकड़कर सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया था. मारे गए लोगों के परिवारों को यह भी नहीं बताया गया था कि उनकी हत्या क्यों की गई. तालिबान के इस वहशियाना तरीकों पर दुनिया के तमाम देश चिंता और आपत्ति जताते रहे हैं.
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हालांकि तालिबान (Taliban) पर अब तक इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया है. संगठन के सह-संस्थापक मुल्ला नुरूद्दीन तुराबी ने कहा कि हर कोई लोगों से भरे स्टेडियम में दोषियों को सजा देने की आलोचना करता है. लेकिन हमने कभी नहीं कहा कि दूसरे देशों में क्या कानून हैं और वहां कैसे सजा दी जाती है. हालांकि अब हालिया फैसले से उसके व्यवहार में कुछ बदलाव आने के संकेत मिल रहे हैं. माना जा रहा है कि वैश्विक मान्यता पाने के लिए उसने सरेआम सजा देने के फैसले में बदलाव किया है.
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