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कंधार: तालिबान (Taliban) का समर्थन कर रहे पाकिस्तान (Pakistan) पर अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Vice President of Afghanistan Amrullah Saleh) ने ऐसा तंज कसा है, जिसके बाद पाकिस्तानियों को कई दिनों तक नींद नहीं आएगी. सालेह ने पाकिस्तानी सेना की भारतीय फौज (Indian Army) के सामने सरेंडर की तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि हमारे इतिहास में कभी ऐसी तस्वीर नहीं है और ना कभी होगी. बता दें कि पाकिस्तान पूरी कोशिश में लगा है कि अफगानिस्तान पहले जैसी स्थिति में पहुंच जाए, इसके लिए वह तालिबान का समर्थन कर रहा है.
अफगान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘हमारे इतिहास में कभी ऐसी तस्वीर नहीं है और ना कभी होगी. हां, कल कुछ पल के लिए उस वक्त मैं हिल गया था, जब हमारे ऊपर से गुजरते हुए रॉकेट कुछ मीटर की दूरी पर गिरा था. पाकिस्तान के प्रिय ट्विटर हमलावरों, तालिबान और आतंकवाद आपके उस घाव पर मरहम नहीं लगाएगा, जो घाव आपको इस तस्वीर से मिले होंगे. कोई और रास्ता तलाशिए’.
We don't have such a picture in our history and won't ever have. Yes, yesterday I flinched for a friction of a second as a rocket flew above & landed few meters away. Dear Pak twitter attackers, Talibn & terrorism won't heal the trauma of this picture. Find other ways. pic.twitter.com/lwm6UyVpoh
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) July 21, 2021
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सालेह ने जो तस्वीर शेयर की है वो साल 1971 की जंग में पाकिस्तान को भारत के हाथों मिली हार की है. भारत से बुरी तरह पिटने के बाद पाकिस्तान ने अपनी हार मान ली थी. उस वक्त पाकिस्तान के 80 हजार से ज्यादा सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. जिसके बाद पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने भारतीय सेना प्रमुख के सामने सरेंडर के कागजात पर हस्ताक्षर किये थे. पाकिस्तान की हार से जुड़ी इसी तस्वीर को शेयर कर अफगानी उपराष्ट्रपति ने तंज कसा है. जाहिर है पुराने जख्म हरा करने की इस कोशिश से पाकिस्तान को मिर्ची लगी होगी और उसकी जलन जल्द खत्म होने वाली नहीं है.
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान बेकाबू हो गया है. उसने देश के अधिकांश हिस्सों पर कब्जे का दावा किया है. पाकिस्तान भी तालिबान के हाथ मजबूत करने में लगा है, ताकि अफगानिस्तान में पैर जमा सके. हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में राष्ट्रपति आवास को निशाना बनाने की कोशिश की थी और तीन रॉकेट दागे थे. अफगान को लगता हा कि इस हमले के पीछे भी पाकिस्तान का हाथ है.