Ahmad Massoud की तालिबान को दो-टूक, Panjshir Valley नहीं करेगी आतंक के सामने सरेंडर
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Ahmad Massoud की तालिबान को दो-टूक, Panjshir Valley नहीं करेगी आतंक के सामने सरेंडर

तालिबान (Taliban) ने पंजशीर प्रांत (Panjshir valley) को जीतने के लिए हमले शुरू कर दिए हैं. वहीं विद्रोही लड़ाकों का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद ने तालिबान के सामने झुकने से साफ इनकार किया है. 

पंजशीर घाटी में अपने समर्थकों के साथ अहमद मसूद (साभार रॉयटर्स)

काबुल: तालिबान (Taliban) ने अब तक अपने कब्जे से बचे रह गए पंजशीर प्रांत (Panjshir valley) को जीतने के लिए अभियान शुरू कर दिया है. उसके लड़ाकों ने अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह को सरेंडर करने या अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है. वहीं अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने कहा कि वे अपने अधीन आने वाले इलाकों को तालिबान को सरेंडर नहीं करेंगे. 

  1. 'देश में चाहते मिली-जुली सरकार'
  2. अहमद शाह मसूद के बेटे ने ललकारा
  3. इन देशों से मांगी तालिबान के खिलाफ मदद

'देश में चाहते मिली-जुली सरकार'

दुबई आधारित अल-अरबिया चैनल से बात करते हुए अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने कहा कि वे देश में एक समग्र सरकार चाहते हैं. जिसमें तालिबान समेत अन्य पक्षों की भी भागीदारी हो. इसके लिए तालिबान को सभी पक्षों से बातचीत करनी होगी. अहमद मसूद ने चेताया कि अगर तालिबान ने बातचीत की पेशकश को खारिज कर दिया तो फिर उससे भिड़ंत होनी तय है. 

अहमद शाह मसूद के बेटे ने ललकारा

बताते चलें कि अहमद मसूद (Ahmad Massoud) पंजशीर (Panjshir valley) के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे हैं. अहमद शाह मसूद की करीब 20 साल पहले अलकायदा और तालिबान ने बम विस्फोट में हत्या कर दी थी. पूरे देश पर तालिबान के कब्जे के बाद अब सिर्फ अहमद मसूद के नेतृत्व वाला पंजशीर प्रांत ही उसके पंजे से आजाद बचा है. 

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अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने कहा कि तालिबान से लड़ने के लिए सरकारी सुरक्षाबल पंजशीर घाटी में इकट्ठा हो रहे हैं और एक मजबूत मोर्चा तैयार किया जा रहा है. मसूद ने तालिबान के खिलाफ लड़ाई के लिए फ्रांस, यूरोप, अमेरिका और अरब देशों से मदद की अपील की. अहमद मसूद ने कहा कि उन्होंने इन देशों के लिए 20 साल पहले सोवियत रूस और तालिबान से लड़ाई लड़ी थी. अब उन्हें अपने देश को आजाद कराने के लिए मदद की जरूरत है. इसलिए इन देशों को आगे आना चाहिए. 

इन देशों से मांगी तालिबान के खिलाफ मदद

मसूद (Ahmad Massoud) ने कहा, 'मैंने इस सभी देशों से कहा कि हमारी आजादी की इस जंग में वे पहले की तरह एक बार फिर हमारी मदद करें. कुछ कड़वाहटों के बावजूद हमें आप सब देशों पर पूरा भरोसा है. जिस प्रकार वर्ष 1940 में यूरोपीय देश पराजित हालत में थे, वैसी ही आज हमारी स्थिति है. पंजशीर (Panjshir valley)को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. केवल हम ही उनके खिलाफ खड़े हैं. जो लोग उनसे हार चुके हैं, अब वे तालिबान के साथ सहयोग की बातें कर रहे हैं. इसके बावजूद हम नहीं झुकेंगे.'

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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