संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार और भारत समर्थक माने जाने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने चीन के वफादार और मौजूदा राष्ट्रपति यामीन को राष्ट्रपति चुनाव में अप्रत्याशित तरीके से हरा दिया था.
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वॉशिंगटन: मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री और विपक्ष के अग्रणी नेता अहमद नसीम ने अपने देश में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा है. यह मांग ऐसे समय में की गई है जब निवर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चुनाव में करारी शिकस्त के बाद भी सत्ता में बने रहने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. आपको बता दें कि सोमवार को संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार और भारत समर्थक माने जाने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने चीन के वफादार और मौजूदा राष्ट्रपति यामीन को राष्ट्रपति चुनाव में अप्रत्याशित तरीके से हरा दिया था.
यामीन ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान अपने लगभग सभी प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों को या तो सलाखों के पीछे डाल दिया और निर्वासित होने के लिए मजबूर कर दिया. अमेरिका में मौजूद नसीम ने पीटीआई को बताया, 'हमें एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक मालदीव के लिए मार्ग प्रशस्त करने की जरूरत है जो हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिरता भी सुनिश्चित करेगा. यामीन चुनावों को निष्प्रभावी और बेमतलब बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह जरूरी है कि जनादेश का सम्मान हो और क्षेत्र एवं स्वतंत्र विश्व के नेता उन पर मालदीव में लोकतंत्र कायम करने का दबाव बनाएं.'
उन्होंने कहा कि ऐसे नाजुक मौके पर हमें अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से हर संभव समर्थन की जरूरत है. बुधवार को विपक्ष ने यामीन पर हाई प्रोफाइल राजनीतिक कैदियों को रिहा करने में देरी करने का आरोप लगाया था.
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आपको बता दें कि हिंद महासागर में स्थित इस द्वीपीय देश में गत रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में यामीन को विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार इब्राहीम मुहम्मद सोलिह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. चार पार्टियों के संयुक्त विपक्ष ने एक बयान में कहा था कि मालदीव में लोकतंत्र की बहाली में मदद के लिए हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय में मौजूद अपने मित्रों और साझीदारों की ओर देख रहे हैं. हम ऐसा मालदीव बनाने का प्रयास कर रहे हैं जहां सभी नागरिकों को शांति, समृद्धि और न्याय पाने का अधिकार हो.
विपक्ष ने हालांकि इस बात का कोई जिक्र नहीं किया कि उसे किस तरह की मदद चाहिए. लेकिन विपक्षी सूत्रों का कहना है कि वे यामीन को अंतरराष्ट्रीय जगत से सख्त चेतावनी दिलवाना चाहते हैं, जिससे वह सत्ता छोड़ दें.
वहीं, इससे पहले संयुक्त विपक्ष के प्रवक्ता अहमद महलूफ ने कहा था कि यामीन चुनाव को त्रुटिपूर्ण बताने के लिए अपने वफादार पुलिस अधिकारियों से खुफिया रिपोर्ट तैयार कराने का प्रयास कर रहे हैं। वह चुनाव के अंतिम नतीजों को देर से जारी किए जाने के लिए दबाव बनाने का भी प्रयास कर रहे हैं. आपको बता दें कि साल 2013 में राष्ट्रपति बने यामीन ने चुनाव में हार के बाद कहा था कि वह 17 नवंबर को अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद सोलिह को सत्ता सौंप देंगे.