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नई दिल्ली: अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने देश छोड़ने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपनी बात रखी है. अशरफ गनी ने ट्वीट कर कहा, 'मैंने सुरक्षाबलों के कहने के बाद काबुल छोड़ा. मुझे बताया गया कि अगर मैं काबुल नहीं छोड़ता हूं तो एक बार फिर 1990 जैसे हालात हो सकते हैं. काबुल छोड़ना मेरे जीवन का सबसे मुश्किल फैसला था लेकिन मेरा मानना है कि लाखों लोगों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था.' गनी ने अफगानिस्तान के लोगों से माफी भी मांगी है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) से भागने के बाद अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने अपना पक्ष रखते हुए एक ट्वीट किया, 'मैंने 20 साल से अधिक समय तक अफगानिस्तान में लोकतंत्र के लिए काम किया. मैं कभी काबुल नहीं छोड़ना चाहता था. इस वक्त मेरे अफगानिस्तान छोड़े जाने का मूल्यांकन सही नहीं है. मैं फिर कभी भविष्य में इस बारे में विस्तार से बात करूंगा.' अशरफ गनी ने आगे कहा मेरे ऊपर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं.'
Statement 8 September 2021 pic.twitter.com/5yKXWIdLfM
— Ashraf Ghani (@ashrafghani) September 8, 2021
गनी ने आगे लिखा, 'मुझ पर आरोप लगाए गए कि मैं काबुल से निकलते वक्त करोड़ों रुपये ले गया. ये सभी आरोप पूरी तरह झूठ हैं. मैंने और मेरी पत्नी ने अपनी सारी संपत्ति सावर्जनिक रूप से घोषित कर दी है. मैं सच साबित करने के लिए यूनाइटेड नेशंस या किसी और स्वतंत्र बॉडी के तहत आधिकारिक ऑडिट या जांच कराने को तैयार हूं.
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गनी ने लिखा, 'लोकतांत्र ही अफगानिस्तान को आगे बढ़ाने का एकमात्र रास्ता है. मैं पिछले 40 सालों से लड़ रहे अफगान सैनिकों और उनके परिवार वालों के बलिदान के प्रति सम्मान प्रकट करता हूं. मुझे बेहद अफसोस है कि मेरा अध्याय भी पूर्ववर्तियों की तरह त्रासदी में ही खत्म हो गया. अफगानिस्तान के लोगों से माफी मांगता हूं कि मैं स्थिरता नहीं ला पाया. शांति सुनिश्चित नहीं कर पाया.'
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