Baltimore Bridge Accident: हफ्ते भर से जहाज पर ही है भारतीय दल, इस वजह से नहीं हो पाएगी जल्द वापसी
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Baltimore Bridge Accident: हफ्ते भर से जहाज पर ही है भारतीय दल, इस वजह से नहीं हो पाएगी जल्द वापसी

Baltimore Bridge Collapse: अमेरिकी पुल के मलबे से जहाज को कब निकाला जाएगा, इसके लिए अभी भी कोई टाइमलाइन तय नहीं है.  22 भारतीय चालक दल के सदस्यों के बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत कम जानकारी है. 

Baltimore Bridge Accident:  हफ्ते भर से जहाज पर ही है भारतीय दल, इस वजह से नहीं हो पाएगी जल्द वापसी

Baltimore Bridge Collapse News:  बाल्टीमोर के फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज से 26 मार्च को 985 फुट लंबा मालवाहक जहाज है टकराया था. जिसके बाद देखते ही देखते पुल नदी में ढह गया था. हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी. चालक दल के 22 भारतीय सदस्य अभी भी जहाज पर फंसे हुए हैं. NYT की रिपोर्ट के मुताबिक जहाज को ऑपरेशन लायक बनाए रखते हुए, वे हादसे की जांच कर रहे अधिकारियों के सवालों का जवाब दे रहे हैं.

भारतीय दल के जल्द बंदरगाह पहुंचने की संभावना बहुत कम है. उन्हें जहाज को ले जान के लिए मलबा साफ होने तक इंतजार करना होगा. इसके अलावा अमेरिका के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक के लिए चैनल के फिर से खुलने का भी उन्हें इंतजार करना होगा.

कोई टाइमलाइन तय नहीं
अमेरिकी पुल के मलबे से जहाज को कब निकाला जाएगा, इसके लिए अभी भी कोई टाइमलाइन तय नहीं है.  22 भारतीय चालक दल के सदस्यों के बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत कम जानकारी उपलब्ध है, सिवाय इसके कि वे नाविक हैं, जो मालवाहक जहाज 'डाली' पर सवार होकर यात्रा पर निकले थे. यह जहाज श्रीलंका जा रहा था और 4,700 शिपिंग कंटेनर ले जा रहा था. 26 मार्च को यह बाल्टीमोर के की ब्रिज से टकरा गया. 

हालांकि आधिकारी चालक दल द्वारा डाली के पुल से टकराने से पहले भेजे गए मैसेज के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं. जिसकी वजह से पुलिस अधिकारियों को पुल पर यातायात रोकने में मदद मिली जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी. 

क्या कहते हैं जानकार? 
पेसिफिक मैरीटाइम ग्रुप के एक भागीदार स्टीफन फ्रैली ने कहा, ‘जहाज के कप्तान और चालक दल का जहाज के प्रति कर्तव्य है.’  बता दें यह ग्रुप समुद्री मलबे को हटाने में मदद करता है.

क्रिस जेम्स बताते हैं कि चालक दल के सदस्यों के पास भोजन और पानी की पर्याप्त आपूर्ति है, साथ ही जनरेटर को चालू रखने के लिए काफी ईंधन भी है. जेम्स जहाज प्रबंधन कंपनी, सिनर्जी मरीन की मदद करने वाली एक परामर्श फर्म के लिए काम करते हैं.

पिछले हफ्ते जब नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी जहाज पर गईं तो उन्होंने रसोइया को खाना बनाते हुए देखा. इस पर उन्होंने कहा कि खाने की खुशबू बहुत अच्छी थी.

जेम्स ने कहा, ‘लेकिन अभी भी इसकी कोई सटीक टाइमलाइन तय नहीं है कि जहाज को मलबे से कब निकाला जाएगा. एक बार जब एनटीएसबी और तटरक्षक अपनी जांच पूरी कर लेंगे हम संभावित रूप से चालक दल की अदला-बदली और उन्हें घर पहुंचाने पर विचार करेंगे.’

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