शादी के लिए लड़कियों को पूरी करनी होती है ऐसी 'शर्त', आप सुनेंगे तो रह जाएंगे दंग
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शादी के लिए लड़कियों को पूरी करनी होती है ऐसी 'शर्त', आप सुनेंगे तो रह जाएंगे दंग

बोराना जनजाति की लड़कियों को शादी से पहले मुंडन कराना होता है. ये वहां की काफी पुरानी परंपरा है जिसे कुछ लोग आज भी मानते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

इथोपिया: दुनिया भर में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है. अलग-अलग धर्मों के लोग अपनी-अपनी मान्यताओं और रस्मों-रिवाज के हिसाब से इसे मनाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी उस परंपरा के बारे में सुना है जहां शादी करने के लिए लड़की को पहले अपने बालों का त्याग करना होता है. अगर नहीं, तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में...

  1. शादी से पहले लड़कियों को कराना होता है मुंडन
  2. बोराना जनजाति में मनाई जाती है अजीब परंपरा
  3. दूल्हे को रखने होते हैं लंबे और घने बाल

बोराना जनजाति निभाती है परंपरा

ये विचित्र परंपरा बोराना जनजाति (Borana Tribe) में निभाई जाती है. करीब 500 हजार लोगों की ये जनजाति साउथ अफ्रीका (South Africa) के इथोपिया और सोमालिया के बीचोबीच रहती है. इस जनजाति में औरतों से ज्यादा मर्दों का दबदबा होता है. जहां मर्द गांव की जीवनशैली और जानवरों का पूरा ध्यान रखते हैं तो वहीं घर सजाने और सारी परंपराएं निभाने की जिम्मेदारी औरतों को दी जाती है.

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दुल्हन का मुंडन तो दूल्हे के लंबे बाल

हैरत में डालने वाली बात ये है कि बोराना जनजाति की लड़कियों को शादी के बाद ही अच्छे से बाल बढ़ाने का मौका दिया जाता है. यहां की लड़कियां अच्छा दूल्हा पाने के लिए शादी होने से पहले सिर का एक बड़ा हिस्सा मुंडवा कर रखती है. माना जाता है कि इससे अच्छा पति मिलता है. इस जनजाति के लोग फोटो खिंचवाना भी अच्छा नहीं मानते हैं. लोगों का कहना है कि ऐसा करने से शरीर में खून की कमी हो जाती है. वहीं दूसरी ओर गांव में सबसे लकी लड़का उसे माना जाता है जो अपने बाल सबसे लंबे रखता है. ऐसा करने से वो लड़की जैसा तो दिखता है पर उन्हें इज्जत की नजरों से देखा जाता है.

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लोगों की सोच में आने लगा है बदलाव

हालांकि डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अब इन लोगों की सोच में बदलाव आने लगा है. अब ये लोग पढ़ाई-लिखाई की तरफ तेजी से बढ़ रहें हैं. इनके समाज में थोड़ा खुलापन आया है. लड़कियां गांव छोड़कर शहरों की तरफ काम करने के लिए सेटल हो रही हैं. वो पुरानी मान्यताओं को दरकिनार करते हुए नए समाज और नई सोच की तरफ अग्रसर हैं. लेकिन फिर भी इस जनजाति की मान्यताएं किसी को भी अवाक छोड़ देने के बिल्कुल काबिल है. ये लोग नोमैड होते हैं और वक्त-वक्त पर खेती और अपने जानवरों को लेकर एक जगह से दूसरे जगह थोड़े वक्त के लिए सेटल होते हैं.

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