20 हजार अफगानियों को अपने देश में बसाएगी Canada Government, इनकी जान को है तालिबानियों से सबसे ज्‍यादा खतरा
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20 हजार अफगानियों को अपने देश में बसाएगी Canada Government, इनकी जान को है तालिबानियों से सबसे ज्‍यादा खतरा

ऐसे अफगानी (Afghans) जिनकी जान को तालिबान (Taliban) से ज्‍यादा खतरा है, उन्‍हें बचाने के लिए कनाडा की सरकार (Canada Government) नई पहल करने जा रही है. सरकार ने निर्णय लिया है कि वह ऐसे 20 हजार लोगों को बसाएगी. 

(फोटो: रॉयटर्स)

ओटावा: कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्‍टर (Canada Immigration Minister) मार्को मेंडिसिनो ने शुक्रवार को कहा है कि तालिबान के प्रतिशोध से बचाने के लिए कनाडा फिर से कुछ अफगानियों (Afghans ) को बसाने  की योजना बना रहा है. इसमें कुछ महिला नेता, मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों समेत 20,000 से ज्‍यादा अफगानी शामिल हैं, जिनकी जान को तालिबानियों से सबसे ज्‍यादा खतरा है. 

  1. तालिबानियों से अफगानियों को बचाने की पहल 
  2. कनाडा में 20 हजार अफगानियों को बसाया जाएगा
  3. इन अफगानियों को है तालिबान से ज्‍यादा खतरा 

उन्‍होंने कहा कि कनाडा सरकार (Canada Government) की यह पहल पहले के उन प्रयासों के अलावा की जा रही है, जिसमें कनाडा सरकार के लिए काम करने वाले हजारों लोगों को देश में बसाया गया था. इसमें इंटरप्रिटेटर (दुभाषिए), दूतावास के कर्मचारी और उनके परिवार शामिल थे. 

अफगानियों की जान को खतरा 

एक प्रेस ब्रीफिंग दौरान मेंडिसिनो ने कहा, 'जिस तरह से तालिबान अफगानिस्तान पर लगातार कब्जा कर रहा है, उससे कई और अफगानियों की जान को खतरा पैदा हो गया है.' वहीं रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने कहा है, 'कनाडा की स्‍पेशल फोर्स (Canada Special Force) के कुछ लोग अफगानिस्तान में थे और वे पुनर्वास के कामों में मदद कर रहे हैं. लेकिन वहां जमीनी चुनौतियां काफी बड़ी हैं.' 

यह भी पढ़ें: Afghanistan पर Taliban के कब्जे के बाद क्या होगा? जानिए आतंकी संगठन का क्रूर इतिहास

अफगानिस्‍तान छोड़ना चाहते हैं ये लोग 

मेंडिसिनो ने कहा है कि कनाडा सरकार की यह नई योजना उन लोगों को लेकर है जो विशेष रूप तौर पर खतरे में हैं. इनमें महिला नेता, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यक और समलैंगिक समुदाय के लोग शामिल हैं. इसमें उन दोनों तरह के लोग शामिल हैं, जो या तो अफगानिस्‍तान छोड़ना चाहते हैं या पहले से ही अफगानिस्‍तान छोड़कर पड़ोसी देशों की शरण में हैं. 

तालिबान द्वारा अफगानिस्तान (Afghanistan) के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहरों पर कब्जा कर करने के बाद हालात बदतर हो चुके हैं. सरकारी बलों की प्रतिरोध करने की ताकत भी चरमरा गई है. इसे लेकर मेंडिसिना ने कहा है, 'हम जानते हैं कि स्थिति गंभीर है. यह घंटे के हिसाब से खराब होती जा रही है.' 

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