शार्ली हेब्दो (Charlie Hebdo) के कार्टून में अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) के साथ पेश आए वाकये को मर्केल के साथ सामने आए घटनाक्रम से जोड़ कर दिखाने की कोशिश की गई है. जिनकी पिछले साल मिनियापोलिस पुलिस ने हत्या कर दी थी.
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नई दिल्ली: फ्रांस (France) की मशहूर व्यंग्य पत्रिका शार्ली हेब्दो (Charlie Hebdo) ने एक बार फिर गलत वजहों से सुर्खियों में है. इस मैगजीन ने अपने कार्टून में मेगन मार्कल और ब्रिटेन के शाही परिवार के बीच चल रहे गतिरोध और पुराने घटनाक्रम को लेकर सवाल उठाए हैं. ब्रिटेन (UK) में फिलहाल ओप्रा विन्फे (Oprah Winfrey) के उस इंटरव्यू की चर्चा है जहां मर्केल ने शाही परिवार पर नस्लवाद (Racism Within Royal Family) जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. इस इंटरव्यू में प्रिंस हैरी (Prince Harry) भी उनके साथ थे. पूरे प्रकरण को लेकर अब शार्ली एब्दो ने जो कार्टून बनाया उस पर लोग नाराजगी जता रहे हैं.
शार्ली हेब्दो के हालिया कार्टून में महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) अपने घुटने से मेगन मर्केल की गर्दन को दबाते हुए दिख रही हैं. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर बहुत से लोग शार्ली हेब्दो की आलोचना कर रहे हैं. इसके कैप्शन में लिखा है, ‘मेगन ने बकिंघम क्यों छोड़ा.’ कार्टून की तस्वीर में मेगन मर्केल जमीन पर लेटी हैं और कह रही हैं, ‘क्योंकि मैं अब सांस नहीं ले सकती.’
दरअसल इस कार्टून में अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) के साथ सामने आए घटनाक्रम को जोड़ कर दिखाने की कोशिश भी की गई है. जिनकी पिछले साल मिनियापोलिस पुलिस ने हत्या कर दी थी. उस वारदात का जो वीडियो सामने आया था, उसमें पूर्व पुलिस अधिकारी और श्वेत डेरेक चौविन (Derek Chauvin) फ्लॉयड की गर्दन को नौ मिनट तक दबाते हुए दिखते हैं. फ्लॉयड चौविन से कहते हैं कि वह सांस नहीं ले पा रहे और बाद में उनकी मौत हो जाती है.
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वहीं हाल ही में मेगन मर्केल पर अपने स्टाफ को डराने-धमकाने के आरोप लगे थे. बंकिंघम पैलेस (Buckingham Palace) ने कुछ दिन पहले कहा था कि वो मर्केल के खिलाफ जांच शुरू करेंगे. इस बयान के साथ ये साफ किया गया है कि शाही परिवार (Royal Family) आरोपों को लेकर काफी चिंतित है.
फ्रांस में अभिव्यक्ति की आजादी जैसे विषय को लेकर मशहूर मैगजीन शार्ली हेब्दो का जिक्र जरूर आता है. इस पत्रिका के दफ्तर में घुसकर सैद और चेरिफ काउची नाम के दो भाइयों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. उस हमले के बाद से मैगजीन वैश्विक सुर्खियों में है.
7 जनवरी, 2015 की उस में पत्रिका के वरिष्ठ संपादक स्टीफन कार्बोनियर और मशहूर कार्टूनिस्ट समेत 11 लोग मारे गए थे. मरने वालों में ज्यादातर पत्रकार थे. इस मैगजीन ने कई साल पहले पैगंबर मुहम्मद साहब का कार्टून प्रकाशित किया था. इसी से नाराज मुस्लिम हमलावरों ने इस मैगजीन के दफ्तर पर हमला बोला था.