लद्दाख हिंसा के बाद जिस तरह भारत (India) ने चीन (China) को जवाब दिया है, उससे बीजिंग के होश ठिकाने आ गए हैं.
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बीजिंग: लद्दाख हिंसा के बाद जिस तरह भारत (India) ने चीन (China) को जवाब दिया है, उससे बीजिंग के होश ठिकाने आ गए हैं. उसे अब यह समझ आ गया है भारत के साथ दुश्मनी काफी भारी पड़ सकती है.
चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग (Sun Weidong) के बयान से यह काफी हद तक साफ हो जाता है कि चीन भारत की ओर से की जा रही डिजिटल स्ट्राइक से घबरा गया है. वीडॉन्ग का कहना है कि भारत से चीन की अर्थव्यवस्था को अलग नहीं किया जा सकता, यदि हम ऐसा करते हैं तो दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ेगा.चीनी राजदूत का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने डिजिटल स्ट्राइक करते हुए बीजिंग के तमाम ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ उसकी कंपनियों को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाने के कई फैसले लिए हैं.
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सुन वीडॉन्ग ने भारत के साथ रिश्तों को लेकर कई ट्वीट किये हैं. उन्होंने लिखा है कि चीन भारत के लिए खतरा नहीं है और इस हकीकत को झुठलाया नहीं जा सकता कि हम एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते’. उन्होंने आगे कहा कि हमें किसी को नुकसान पहुंचाने का रवैया नहीं रखना चाहिए. चीन और भारत की अर्थव्यवस्था एक दूसरे पर टिकी हैं, यदि इन्हें अलग किया जाता है, तो दोनों को ही नुकसान उठाना पड़ेगा.
चीनी राजदूत के मुताबिक, चीन हमेशा विन-विन कोऑपरेशन की वकालत करता है और ‘जीरो-सम गेम’ के खिलाफ है. दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और इन्हें अलग करने के परिणाम नकारात्मक होंगे.
Third, #China advocates win-win cooperation & opposes zero-sum game. our economies are highly complementary, interwoven & interdependent. Forced decoupling is against the trend & will only lead to a“lose-lose" outcome.
— Sun Weidong (@China_Amb_India) July 30, 2020
गौरतलब है कि लद्दाख हिंसा के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. भारत ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर अब तक कई चोटें पहुंचाई हैं, जिससे ड्रैगन घबरा गया है. मोदी सरकार ने दो किश्तों में TikTok सहित तमाम चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित किया है. इसके अलावा, सरकार ने चीन को एक और झटका देते हुए रंगीन टीवी के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और दूसरे देशों खासकर चीन से रंगीन टीवी के आयात को हतोत्साहित करना है.
भारत द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई से चीन के होश ठिकाने आ रहे हैं. उसे समझ आ रहा है कि वो ज्यादा दिनों तक भारत से दुश्मनी मोल नहीं ले सकता. यही वजह है कि अब उसके सुर बदल रहे हैं.