Chinese Spy Balloon: रिपोर्ट में कहा गया है कि गुब्बारे में तस्वीरें, वीडियो और अन्य जानकारी एकत्र करने के लिए विशिष्ट चीनी सेंसर और अन्य उपकरणों के साथ-साथ व्यावसायिक रूप से उपलब्ध अमेरिकी गियर भी थे.
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Chinese Spy Balloon News: इस साल की शुरुआत में अमेरिका के ऊपर से गुजरने वाले चीनी जासूसी गुब्बारे में अमेरिकी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. रॉयटर्स के मुताबिक वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने बुधवार को बारीकी से की गई जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी.
WSJ ने अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि कई अमेरिकी रक्षा और खुफिया एजेंसियों के विश्लेषण से पता चला है कि गुब्बारे में तस्वीरें, वीडियो और अन्य जानकारी एकत्र करने के लिए विशिष्ट चीनी सेंसर और अन्य उपकरणों के साथ-साथ व्यावसायिक रूप से उपलब्ध अमेरिकी गियर भी थे.
गुब्बारे का क्या था उद्देश्य?
रिपोर्ट में कहा गया है कि निष्कर्ष इस दावे का समर्थन करते हैं कि गुब्बारे का उद्देश्य जासूसी करना था, न कि मौसम की निगरानी करना. गौरतलब है कि चीन लगातार दावा करता रहा है कि अमेरिकी वायु क्षेत्र में दिखा गुब्बारा असैन्य उद्देश्य वाला था, जिसका इस्तेमाल मौसम विज्ञान जैसे वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया गया.
WSJ ने कहा, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अलास्का, कनाडा और कुछ अन्य निकटवर्ती अमेरिकी राज्यों के उपर अपनी आठ दिनों की यात्रा का डाटा चीन नहीं भेज पाया.
गुब्बारे ने पैदा कर दिया था राजनयिक संकट
बता दें फरवरी में, अमेरिका ने संवेदनशील सैन्य स्थलों पर उड़ रहे गुब्बारे को मार गिराया, जिससे राजनयिक संकट पैदा हो गया और अमेरिका और चीन के बाच रिश्ते एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए.
एशिया में उड़ान भरते चीन के जासूसी गुब्बारों की नयी तस्वीरें सामने आईं
हाल ही में ब्रिटिश मीडिया ने जापान और ताइवान समेत अन्य देशों के ऊपर चीन द्वारा जासूसी गुब्बारे उड़ाए जाने के सोमवार (26 जून) को नए सबूत दिए.
बीबीसी को पूर्वी एशिया पार करते गुब्बारों की कई तस्वीरें मिली हैं. उसे उपग्रहों द्वारा लिए गए भारी संख्या में आंकड़ों की जांच करने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी सिंथेटिक के साथ काम करते हुए ये तस्वीरें मिली हैं.
बीबीसी के मुताबिक, कंपनी के संस्थापक कोरे जैसकोलस्की को एक गुब्बारे के सितंबर 2021 में उत्तरी जापान को पार करने का सबूत मिला है. इन तस्वीरों को पहले प्रकाशित नहीं किया गया. जैसकोलस्की का यह भी मानना है कि सबूतों से पता चलता है कि इस गुब्बारे को चीन के अंदरूनी क्षेत्र से छोड़ा गया था.