Indonesia Volcano News: इंडोनेशिया में फोटो खिंचवाने के लिए पोज बनाना महिला के लिए जानलेवा बन गया. पैर फिसलने की वजह से महिला 75 फुट गहरे ज्वालामुखी में जा गिरी, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई.
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Indonesia News in Hindi: फोटो का पोज बनाने के लिए जगह लोगों की खतरनाक हद तक दीवानगी कई बार उनके लिए जानलेवा भी बन जाती है. ऐसी ही एक घटना इंडोनेशिया में सामने आई है, जहां ज्वालामुखी के गहरे गड्ढे के पास फोटो खिंचवाने के लिए पोज बना रही चीनी महिला का पैर फिसला और वह 75 फुट गहरे ज्वालामुखी में गिर गई. किसी तरह उसे बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
अपने पति के साथ इंडोनेशिया घूमने गई थी महिला
न्यूयार्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक हुआंग लिहोंग (31) नाम की चीनी महिला अपने पति के साथ इंडोनेशिया में पति के साथ टूर पर गई थी. कपल ने इजेन ज्वालामुखी के क्रेटर पर खड़े होकर सूर्योदय देखने का प्लान बनाया. इसके लिए गाइड को साथ लेकर कपल ज्वालामुखी टूरिज्म पार्क में पहुंचा. इसके बाद पति-पत्नी चढ़ाई करके ज्वालामुखी के मुंह के पास पहुंचे.
फोटो खिंचवाने के चक्कर में ज्वालामुखी जा गिरी
पुलिस के मुताबिक इजेन ज्वालामुखी क्रेटर के पास खड़े होकर फोटो खिंचवाने पर बैन लगा हुआ है. उनके साथ गया टूर गाइड कपल को क्रेटर से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की ताकीद कर रहा था. शुरू में कपल ने उसकी बातों का पालन किया. इसके बाद महिला फोटो का पोज बनाने के लिए पीछे की ओर चल दी. इसी दौरान उसका पैर फिसला और वह 75 फुट गहरे ज्वालामुखी में गिर गई.
75 फुट ऊंचाई से गिरने पर महिला की हो गई मौत
पुलिस के मुताबिक महिला के गिरते ही वहां हडकंप मच गया. तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस टीम मौके पर पहुंची और महिला को ज्वालामुखी के अंदर से निकालने की कोशिश शुरू की. करीब 2 घंटे की मेहनत के बाद महिला को बाहर निकाल लिया गया. हालांकि इतनी ऊंचाई से गिरने की वजह से तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
अपनी नीली रोशनी और आग की वजह से चर्चित
रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया का इजेन ज्वालामुखी दुनिया के गिने-चुने सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है. उसमें सल्फ्यूरिक गैस की वजह से नीली रोशनी और नीली आग निकलती है. जिसकी वजह से उसे काफी लोग नीला ज्वालामुखी भी कहते हैं. हालांकि यहां पर ज्वालामुखी विस्फोट हुए लंबा अरसा हो चुका है. इसलिए इसे सरकार ने पर्यटकों के लिए खुला रखा हुआ है. वर्ष 2018 में इस ज्वालामुखी से बड़ी मात्रा में जहरीली गैसों का रिसाव शुरू हो गया था, जिसके चलते आसपास के घरों को खाली करवा लिया गया था. उस घटना में 30 घायल हो गए थे.