Presidential Election: प्रचंड सरकार पर मंडरा रहा है खतरा! नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार पौडेल को मिला 8 दलों का समर्थन
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Presidential Election: प्रचंड सरकार पर मंडरा रहा है खतरा! नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार पौडेल को मिला 8 दलों का समर्थन

Prime Minister Prachanda को शनिवार को एक झटका तब लगा जब नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ने शनिवार को घोषणा की कि वह पौडेल को प्रचंड के समर्थन के कारण सरकार से बाहर हो जाएगी. राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष और उप प्रधानमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री राजेंद्र लिंगडेन समेत पार्टी के चार मंत्रियों ने प्रधानमंत्री प्रचंड को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया.

फाइल फोटो

Nepali Congress के वरिष्ठ नेता रामचंद्र पौडेल (Senior Leader Ramchandra Paudel) का राष्ट्रपति पद के लिए 8 राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है. इससे उनका राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होना लगभग तय हो गया है. हालांकि इस घटनाक्रम से प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal 'Prachanda') की दो महीने पुरानी सरकार के लिए राजनीतिक संकट (Political Crisis in Nepal) खड़ा हो सकता है. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल  'प्रचंड' की पार्टी सीपीएन-माओवादी सेंटर (CPN-Maoist Center) ने गठबंधन सरकार में सहयोगी के पी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के प्रत्याशी से किनारा कर विपक्षी नेपाली कांग्रेस के नेता पौडेल (Opposition Nepali Congress leader Paudel) का इस शीर्ष पद के लिए समर्थन किया है.

पौडेल का राष्ट्रपति बनना लगभग तय

पौडेल 9 मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सीपीएन के उम्मीदवार सुबास नेमवांग के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. पौडेल (78) और नेमवांग (69) ने शनिवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. पौडेल के राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल संभावना है क्योंकि आठ दलों, नेपाली कांग्रेस, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी - माओवादी सेंटर, सीपीएन - एकीकृत समाजवादी, राष्ट्रीय जनता पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनमोर्चा, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और जनमत पार्टी ने उनके पक्ष में मतदान करने का फैसला किया है.

सत्तारूढ़ गठबंधन के भविष्य पर गंभीर प्रश्नचिह्न 

पौडेल की उम्मीदवारी का प्रस्ताव नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, सीपीएन के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल, माओवादी केंद्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण काजी श्रेष्ठ, जनता समाजवादी पार्टी के संघीय परिषद अध्यक्ष अशोक राय और जनमत पार्टी के अब्दुल खान ने रखा था. 8 राजनीतिक दलों के समर्थन से पौडेल की चुनाव में जीत लगभग तय है. मौजूदा राष्ट्रपति भंडारी का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त होगा. राष्ट्रपति चुनाव ने सात दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन के भविष्य पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. पिछले साल नवंबर में संसदीय चुनाव हुए थे लेकिन किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था और इसके बाद प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बनी थी. नेपाल ने वर्षों से राजनीतिक उथल-पुथल देखी है क्योंकि कोई भी पार्टी स्थिर सरकार प्रदान करने में सफल नहीं हुई है.

ऐसे होता है राष्ट्रपति चुनाव

Prime Minister Prachanda को शनिवार को एक झटका तब लगा जब नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ने शनिवार को घोषणा की कि वह पौडेल को प्रचंड के समर्थन के कारण सरकार से बाहर हो जाएगी. राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष और उप प्रधानमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री राजेंद्र लिंगडेन समेत पार्टी के चार मंत्रियों ने प्रधानमंत्री प्रचंड को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया. दोनों पार्टियों ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की है. यदि वे ऐसा करते हैं तो प्रचंड को एक महीने के भीतर संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल करना होगा. नेपाली राष्ट्रपति का चुनाव 882 उम्मीदवार करेंगे जिनमें से 332 सदस्य संसद के हैं जबकि बाकी 550 सदस्य सात प्रांतीय विधानसभाओं के हैं. संसद के एक सदस्य का मत मूल्य 79 है जबकि प्रांतीय विधानसभा के एक सदस्य का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य 48 है.

(इनपुट: एजेंसी)

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