मॉस्को: जब सोवियत संघ (USSR) का विघटन हुआ तब रूस (Russia) की अहमियत बरकरार रखने में व्लादिमीर पोटानिन (Vladimir Potanin) ने अहम भूमिका निभाई थी. पोटानिन के आर्थिक फैसलों ने रूस को आर्थिक संकट से उबारने में काफी योगदान दिया था. ब्लूमबर्ग और फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक वो रूस के सबसे रईस शख्स हैं. अब उन्हीं पोटानिन ने देश की अर्थव्यवस्था की चिंता जताते हुए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को नसीहत दी है.


यूक्रेन पर हमले को लेकर चेतावनी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यूक्रेन पर हमले (Russia Attack on Ukraine) के बाद कई कंपनियां या तो रूस छोड़ चुकी हैं या छोड़ने का ऐलान कर चुकी हैं. इसके बाद वहां उन कंपनियों की संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है. अब इसे लेकर रूस के सबसे अमीर बिजनेसमैन ने पुतिन को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह तो देश 100 साल से अधिक पीछे चला जाएगा.


ये भी पढ़ें - 'यूक्रेन पर रूस का हमला तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत', जानिए किसने कही ये बात


सीएनएन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मेटल इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनी नोरिल्स्क निकेल (NILSY) के प्रेसिडेंट और सबसे बड़े शेयरधारक व्लादिमीर पोटानिन (Vladimir Potanin) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर रूस ने पश्चिमी कंपनियों और निवेशकों के लिए दरवाजे बंद किए तो रूस के 1917 की क्रांति के कठिन दिनों में फिर पहुंच जाने का खतरा है. उन्होंने रूसी सरकार से संपत्ति की जब्ती के संबंध में अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया.


ये भी पढ़ें- यूक्रेन के मददगारों को पुतिन की आखिरी चेतावनी, कहा- विदेशी हथियार ले जाने वाले...


बिजनेस टाइकून की पारखी नजर!


अपनी कंपनी के सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किए संदेश में में उन्होंने लिखा, 'यह फैसला हमें सौ साल पीछे 1917 में ले जाएगा जिसका असर हम लंबे समय तक महसूस करेंगे. दूसरा यह कि रूस में बिजनेस रोकने का कुछ कंपनियों का फैसला काफी हद तक भावनात्मक है और विदेशों में जनता की राय से उन पर बने अभूतपूर्व दबाव की वजह से लिया गया हो सकता है. ऐसे में सबसे अधिक संभावना है कि वो जल्द ही वापस आ जाएं और व्यक्तिगत रूप से मैं उनके लिए ऐसा अवसर रखूंगा.'



ये भी पढ़ें - नॉर्थ कोरिया ने किया मिसाइल का परीक्षण, रूस पर हो गई कार्रवाई; जानिए वजह


पुतिन कर रहे 'एक्सटर्नल मैनेजमेंट'


यूक्रेन पर रूस के हमले और प्रतिबंधों के जवाब में दर्जनों अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों ने अपने ज्वाइंट वेंचर, कारखानों, दुकानों, कार्यालयों और अन्य संपत्तियों को रूस में छोड़ दिया है. गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन ने भी रूस छोड़ने का फैसला किया है. ये दोनों पहले प्रमुख पश्चिमी बैंक हैं, जिन्होंने ऐसा ऐलान किया है. दरअसल पुतिन ने कहा है कि हमें उन कंपनियों पर निर्णायक कार्रवाई करने की आवश्यकता है जो अपना उत्पादन बंद करने जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि एक्सटर्नल मैनेजमेंट शुरू किया जाए और फिर इन उद्यमों को उन लोगों को ट्रांसफर किया जाए जो काम करना चाहते हैं.


करीब 5 दर्जन कंपनियों ने रूस में छोड़ा बिजनेस


रूसी समाचार पत्र इजवेस्टिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के उपभोक्ता अधिकार संगठन ने उन कंपनियों की एक सूची तैयार की है जिन्होंने रूस छोड़ने का फैसला किया है. इस लिस्ट में 59 कंपनियां शामिल हैं, जैसे कि Volkswagen, Apple, IKEA, Microsoft, IBM, Shell, McDonald's, Porsche, Toyota, H&M आदि. इसे और अधिक ब्रांडों के साथ अपडेट किया जा सकता है. ऐसे में अपने देश के दिग्गज और अनुभवी व्यावसाई की चेतावनी पर पुतिन कितना अमल करेंगे इस सवाल का जवाब फिलहाल कोई नहीं जानता है.


ये भी पढ़ें- बीमार मां के लिए दवा लेने जा रही थी यूक्रेन की बेटी, रूसी टैंक ने कर दिया परिवार समेत खात्मा