Spring Booster Dose: कोरोना वैक्सीन की तीसरी नहीं, 'स्प्रिंग बूस्‍टर' डोज है ज्‍यादा फायदेमंद; चौंकाने वाला किया गया दावा
Advertisement
trendingNow11181771

Spring Booster Dose: कोरोना वैक्सीन की तीसरी नहीं, 'स्प्रिंग बूस्‍टर' डोज है ज्‍यादा फायदेमंद; चौंकाने वाला किया गया दावा

Covid Spring Booster Dose: ब्रिटेन में की गई एक स्टडी में पता चला है कि कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज तीसरी के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद साबित हो रही है. कोविड-19 वैक्सीन की चौथी डोज ‘स्प्रिंग बूस्टर’ के तौर पर दी जा रही है.

Spring Booster Dose: कोरोना वैक्सीन की तीसरी नहीं, 'स्प्रिंग बूस्‍टर' डोज है ज्‍यादा फायदेमंद; चौंकाने वाला किया गया दावा

Covid Spring Booster Dose: ब्रिटेन में हुए हालिया सर्वे में कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी बात सामने आई है. देश भर में की गई एक स्टडी में पता चला है कि फाइजर (Pfizer) या मॉडर्ना कोरोना वैक्सीन (Moderna vaccine) की चौथी डोज सुरक्षित है और तीसरी डोज के मुकाबले एंटीबॉडी के स्तर को कहीं ज्यादा बढ़ाती है.

स्प्रिंग बूस्टर के तौर पर दी गई चौथी डोज

शोधकर्ताओं ने कहा कि ब्रिटेन में कोरोना के लिहाज से बेहद संवेदनशील लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की चौथी डोज ‘स्प्रिंग बूस्टर’ के तौर पर दी जा रही है. उन्होंने कहा कि स्टडी के आंकड़े उपलब्ध होने से पहले एंटीबॉडीज के उच्च स्तर को बनाए रखने के लिए यह एक एहतियाती रणनीति रही है.

चौथी डोज के दिखे अच्छे नतीजे

‘द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल’ में प्रकाशित नतीजे बताते हैं कि कोविड-19 के लिए वैक्सीन की चौथी डोज उन लोगों में अच्छे नतीजे दिखाते हैं, जिन्हें फाइजर वैक्सीन की तीसरी डोज लग चुकी है. शोधकर्ताओं के अनुसार, ये एंटीबॉडी और शेल बॉडीज, दोनों को बूस्टर खुराक के अपेक्षा अधिकतम स्तर से आगे लेकर जाते हैं.

लोगों में बनी ज्यादा एंटी बॉडी

एनआईएचआर साउथैम्पटन क्लीनिकल रिसर्च फेसिलिटी के निदेशक और परीक्षण प्रमुख प्रोफेसर साउल फाउस्ट ने कहा, 'यह नतीजे मौजूदा स्प्रिंग खुराक प्राप्त कर रहे अत्यधिक संवेदनशील लोगों को होने वाले फायदे बताते हैं और ब्रिटेन में किसी भी संभावित वैक्सीनेशन के लिये भरोसा देते हैं. 

तीसरी डोज के करीब सात महीने बाद दी गई स्प्रिंग बूस्टर

स्टडी में जून 2021 में फाइजर या एस्ट्राजेनेका की शुरुआती डोज लेने के बाद 166 ऐसे लोगों को चुना गया, जिन्होंने तीसरी डोज के तौर पर फाइजर वैक्सीन लगवाई थी. इन लोगों को बिना किसी निर्धारित क्रम के चौथी डोज के तौर पर फाइजर की पूरी डोज या मॉडर्ना की आधी डोज लगवाने के लिए चुना गया. इन लोगों को तीसरी डोज के करीब सात महीने बाद चौथी डोज दी गई.

चौथी डोज के नहीं हैं गंभीर साइडइफेक्ट

शोधकर्ताओं ने कहा कि वैक्सीनेशन सेंटर पर दर्द और थकान सबसे आम लक्षण थे, लेकिन वैक्सीन से संबंधित कोई गंभीर साइडइफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं. इन लोगों को चौथी डोज सुरक्षित और सुगमता पूर्वक लग गई. कोविड -19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिये एनआईएचआर के क्लीनिकल प्रमुख प्रो. एंड्र्यू उस्तीयानोव्स्की ने कहा, 'हम जानते थे कि साल की शुरुआत में सबसे संवेदनशील (बीमारी के लिहाज से) लोगों को चौथी डोज देना जरूरी था.'

ये भी पढ़ें- इस देश में सामने आया कोरोना का पहला मामला! पहली बार लगा Lockdown

(इनपुट- भाषा)

LIVE TV

Trending news