फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का बड़ा फैसला, खत्म होगा न्यू कैलेडोनिया से आपातकाल
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का बड़ा फैसला, खत्म होगा न्यू कैलेडोनिया से आपातकाल

Emmanuel Macron : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक बड़ा फैसला लिया है, बता दें, कि  इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि आपातकाल की स्थिति को “फिलहाल” नहीं बढ़ाया जाएगा और इसलिए यह सोमवार रात 8 बजे समाप्त हो जाएगी.

 

New Caledonia

France : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार ( 27 मई ) को न्यू कैलेडोनिया के फ्रांसीसी प्रशांत क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति को हटाने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है, कि इसका उद्देश्य अशांति के बाद अब राजनीतिक बातचीत को आगे बढ़ाना है. इस क्षेत्र में मैक्रों ने गुरुवार ( 23 मई ) को यात्रा की थी. साथ ही इस क्षेत्र में हिंसा और दंगे बढ़ने की वजह से कुछ दिन पहले ही इमरजेंसी लगा दी गई थी. इस हिंसा में सात लोगों की मौत हो गई.

 

300 से ज्यादा लोग घायल
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में 130 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए है. कुछ दिन बीतने के बाद अब फ्रांस राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि आपातकाल की स्थिति को “फिलहाल” नहीं बढ़ाया जाएगा और इसलिए यह सोमवार रात 8 बजे समाप्त हो जाएगी.

 

न्यू कैलेडोनिया द्वीप समूह में स्वतंत्रता चाहने वाले मूल निवासी कनकों और फ्रांस का हिस्सा बने रहने के इच्छुक लोगों के बीच दशकों से तनाव रहा है. फ्रांस के गृह मंत्रालय ने लंबे समय तक जेल के रूप में इस्तेमाल किए गए न्यू कैलेडोनिया में पुलिस भेजी थी.

 

राजधानी नोमिया और इसके आसपास कर्फ्यू लागू होने और सभा पर रोक के बावजूद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई थीं. आपातकाल लगाने से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने फ्रांसीसी प्रशांत क्षेत्र न्यू कैलेडोनिया के मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए शीर्ष मंत्रियों के साथ बैठक की थी. न्यू कैलेडोनिया में लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग उठ रही है.

 

इस महीने अशांति तब भड़क उठी जब पेरिस में फ्रांसीसी विधायिका ने न्यू कैलेडोनिया में मतदाता लिस्टों में बदलाव करने के लिए फ्रांसीसी संविधान में संशोधन पर बहस की. न्यू कैलेडोनिया में स्वतंत्रता-समर्थक पार्टी के नेता ने शनिवार को समर्थकों से फ्रांसीसी प्रशांत द्वीपसमूह में “लामबंद रहने” और चुनावी सुधारों को लागू करने के पेरिस सरकार के प्रयासों के खिलाफ “प्रतिरोध बनाए रखने” का आह्वान किया. इससे स्वदेशी कनक लोगों को डर है कि वे और अधिक हाशिए पर चले जाएंगे.

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