G-20 Virtual Meeting: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कम से कम दो वर्षों में पहली बार जी-20 में उपस्थित होंगे. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे और उनका प्रतिनिधित्व ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन करेंगी.
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G-20 Virtual Meeting News: इजरायल-हमास संघर्ष के बीच वैश्विक नेताओं की एक बड़ी आज होने जा रही है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और अफ्रीकी संघ, भारत द्वारा बुलाई गई जी20 की एक वर्चुअल मीटिंग के लिए एक साथ आएंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कम से कम दो वर्षों में पहली बार जी-20 में उपस्थित होंगे. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे और उनका प्रतिनिधित्व ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन करेंगी.
रिपोर्ट के अनुसार यह भी भारत और कनाडा के बीच कड़वे राजनयिक गतिरोध के बाद यह पहली बार होगा जब कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो और पीएम मोदी के साथ आमने-सामने होंगे. चीन का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री ली कियांग करेंगे क्योंकि राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक बार फिर गैर-मौजूद होंगे.
हालांकि भारत विकास के एजेंडे को केंद्र में रखने पर जोर देगा, लेकिन अधिकारियों ने इजरायल-हमास युद्ध की चर्चा का मुख्य मुद्दा होने की संभावना से इनकार नहीं किया.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, ‘जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की हमारी सफल मेजबानी के बाद से, दुनिया ने कई घटनाओं को देखा है और कई नई चुनौतियाँ सामने आई हैं. हालांकि विकास मुख्य एजेंडा होगा और हम विकास के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेंगे, नेता अन्य मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.’
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि नेताओं द्वारा चर्चा किए जाने वाले मुद्दों को पहले से तय करना उचित नहीं होगा, क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने सितंबर में शिखर सम्मेलन के बाद से कई मुद्दों पर हुई प्रगति को सूचीबद्ध किया है.
कांत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सिर्फ दो महीने से अधिक समय के भीतर जी20 के नेताओं की मेजबानी करेंगे. यह बहुत ही दुर्लभ और असाधारण चीज है. किसी अन्य अध्यक्ष ने सभी नेताओं की फिजिकल मीटिंग और फिर वर्चुअल बैठक नहीं की है. इन सबके अलावा, पीएम ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ के दो सत्रों की मेजबानी की है. दरअसल, भारत ने 150 से अधिक विश्व नेताओं की भागीदारी के साथ एक ही वर्ष में चार ऐसी बैठकें आयोजित की हैं जो वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री की संयोजक शक्ति और नेतृत्व को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती हैं.'
भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन में एक दुर्लभ आम सहमति हासिल की - एक ऐसा मुद्दा जिसने विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच विभाजन पैदा करने की धमकी दी थी.
नई दिल्ली अब शिखर सम्मेलन में नेताओं द्वारा सहमत मुद्दों के कार्यान्वयन पर काम कर रही है. जलवायु वित्तपोषण, बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार और यूनेस्को के सिद्धांतों के आधार पर नैतिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक ढांचे के निर्माण पर काम सहित कई मुद्दों पर पर्याप्त प्रगति हुई है.