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ग्लासगो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) संयुक्त राष्ट्र के जलवायु शिखर सम्मेलन (Climate Summit 2021) में शामिल होने स्कॉटलैंड के ग्लासगो पहुंच गए हैं, जहां होटल के बाहर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका शानदार स्वागत किया. पूरी दुनिया की नजर अब इस सम्मेलन पर है, क्योंकि इस सम्मेलन में दुनिया भर के दिग्गज नेता पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को धार देने की कोशिश करेंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ग्लासगो में होटल पहुंचने के बाद भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए और 'मोदी है भारत का गहना' गीत गाया. इस दौरान पीएम मोदी ने भीड़ में मौजूद लोगों के साथ बातचीत की.
#WATCH | Glasgow, UK | Indian community sings 'Modi Hai Bharat Ka Gehna' during interaction with Prime Minister Narendra Modi after his arrival at the hotel. pic.twitter.com/Hq2y7bSWEd
— ANI (@ANI) October 31, 2021
ग्लासगो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का बेहद व्यस्त कार्यक्रम है. आज (1 नवंबर) पीएम मोदी भारतीय समय के अनुसार शाम साढ़े तीन बजे भारतीय समुदाय के लोगों से मिलेंगे. फिर शाम साढ़े पांच बजे ग्लासगो सम्मेलन शुरू होगा. शाम सात बजे प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के साथ मुलाकात होने की संभावना है. रात 8 बजे शीर्ष नेताओं को बैठक और परिचर्चा होगी. इसके बाद रात साढ़े 8 बजे पीएम मोदी सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
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2 नवंबर यानी मंगलवार को भी पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का बेहद व्यस्त कार्यक्रम है. कल दोपहर 2 बजे पीएम मोदी जलवायु से जुड़े महत्वपूर्ण परियोजना को लॉन्च करेंगे. इसके बाद रात 9 बजे प्रधानमंत्री की स्विट्जरलैंड, फिनलैंड, इजरायल, नेपाल, मालावी, यूक्रेन, अर्जेंटीना, जापान के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकातें होनी हैं. प्रधानमंत्री बिल गेट्स के साथ भी बैठक करेंगे. रात 11 बजे पीएम मोदी देश के लिए रवाना हो जाएंगे और 3 नवंबर को सुबह 8 बजे देश पहुंचेंगे.
सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि ग्लासगो सम्मेलन (Glasgow Summit) में भारत का जोर कार्बन उत्सर्जन घटाने पर रहेगा. भारत की तरफ से ये कहा जा सकता है कि विकसित देशों को नेट जीरो के बजाय नेट निगेटिव से शुरुआत करने की आवश्यकता है. हालांकि भारत ने अभी तक नेट जीरो से जुड़े मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया है. भारत के लिए ग्लासगो सम्मेलन इसीलिए अहम है, क्योंकि जलवायु में हो रहे परिवर्तन की वजह से बीते कुछ सालों में भारत ने कई प्राकृतिक आपदाएं जैसे सूखा, बेमौसम बरसात, बाढ़ और तूफान को झेला है और इससे खरबों को नुकसान हुआ और कई जानें गई.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मॉस्को में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था और इसे 'फलदायी' बताया था. उन्होंने कहा कि विश्व नेताओं ने वैश्विक महत्व के अहम मुद्दों जैसे महामारी से लड़ाई, स्वास्थ्य अवसंरचना में सुधार, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और इनोवेशन पर विस्तृत चर्चा की. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि जी-20 नेता इस बात पर सहमत हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोविड-19 टीके को आपात मंजूरी देने की प्रक्रिया को तेज करने से मजबूत होगा.
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