US की आंखों में धूल झोंक भारत में खालिस्तान बनाने का सपना देख रहा पन्नू, कर बैठा ये भूल; दर्ज हुआ केस
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US की आंखों में धूल झोंक भारत में खालिस्तान बनाने का सपना देख रहा पन्नू, कर बैठा ये भूल; दर्ज हुआ केस

Gurpatwant Singh Pannu: सिख फॉर जस्टिस चलाने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) अक्सर खालिस्तान बनाने के एजेंडे पर सोशल मीडिया पर इनाम घोषित करता हुआ नजर आता है. आखिर इसपर इतना धन आया कैसे? अब इसी मामले में केस दर्ज हुआ है.

US की आंखों में धूल झोंक भारत में खालिस्तान बनाने का सपना देख रहा पन्नू, कर बैठा ये भूल; दर्ज हुआ केस

Who is Gurpatwant Singh Pannu: भारत में बैन, अमेरिका स्थित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' का मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में बैठ कर पिछले कुछ सालों से सोशल मीडिया पर वीडियो बना कर खालिस्तान बनाने के अपने एजेंडे के लिए लोगों को बहकाने का काम कर रहा  है. न्यूयॉर्क स्थित इस संगठन का मुख्यरूप से एजेंडा पंजाब में अलग से खालिस्तान बनाने का है. अधिकतर समय उसका कार्म भड़काऊ वीडियो बनाना होता है. इन वीडियो में हमेशा मूर्खतापूर्ण बातें करता पन्नू हिंसा फैलाने के अपने राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने में करता हुआ नजर आता है.

खालिस्तानी एजेंडे में प्रमुख चेहरा है पन्नू

सिख फॉर जस्टिस चलाने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) अक्सर खालिस्तान बनाने के एजेंडे पर सोशल मीडिया पर इनाम घोषित करता हुआ नजर आता है. कभी लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने पर हजारों डॉलर की इनामी राशि देने की बात तो हो या कभी खालिस्तान का नक्शा बना कर राज्यों में हमला करने के लिए लोगों को उकसाने की बात हो. इसी इनामी राशि के जुमलों के कारण पन्नू अमेरिका की कानून न्यायपालिका की नजर में आ गया है.

कनाडा में दर्ज हुआ केस

कनाडा के एक व्यक्ति ने संयुक्त राष्ट्र के न्यायपालिका में इस मुद्दे पर केस दर्ज कराया है. उसने न्यायपालिका को लिखी हुई चिट्ठी में टैक्स के मामले में धोखाधड़ी, आपराधिक और हिंसक कार्यों पर पैसे लगाना और अत्यधिक गलत तरीके की पैरवी, गतिविधियों में शामिल होने को लेकर तमाम आरोप लगाए हैं.

भारत में बैन है सिख फॉर जस्टिस

भारत सरकार ने पन्नू को 2019 में आतंकवादी घोषित कर दिया था और गैर-कानूनी संगठन के रूप में सिख फॉर जस्टिस पर 2019 में बैन लगा दिया था. आपको बता दें कि खालिस्तान बनाने के लिए 2019 में 'पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह' के लिए अभियान शुरू करने के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया था. इस संगठन की सांठगांठ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से बताई जाती है.

भड़काऊ बयानों के लिए मशहूर है पन्नू

सोशल मीडिया पर अपने बनाए वीडियो में खालिस्तान बनाने को लेकर सालों से एक्टिव सिख फॉर जस्टिस का यूट्यूब से लेकर फेसबुक पर एजेंडा चला रहा पन्नू खुद भी पेशे से वकील है और अमेरिका की न्यायपालिका को चकमा देकर पब्लिक चैरिटी के नाम पर पैसे का हेर फेर, अपराधियों की मदद और हिंसा फैलाने के काम कर रहा है.

चौकाने वाली बात ये है कि खुद को अमेरिका में नॉन प्रॉफिट संस्था बता रजिस्टर करने वाली सिख फॉर जस्टिस अमेरिका के कानून के साथ भी धोखाधड़ी कर रही है. गुरपरवंत सिंह पन्नू ने इस कंपनी को एक निजी संगठन के रूप में पंजीकृत करवाया था. इस कंपनी ने टैक्स में छूट पाने के लिए भी कानूनी पेंच लगाए. लेकिन 2009 में  IRS (इंटरनेशनल रेवेन्यू सिस्टम) के तहत सफल नहीं हो पाया.

कमाई से ज्यादा इनाम कैसे दे सकती है कंपनी?

लेकिन गुरपरवंत सिंह इतने पर नहीं रुका, उसने नोमेंक्लेचर में फेर बदल करके एक अलग कंपनी बनाई और 15 अप्रैल 2019 में उसको IRS (इंटरनेशनल रेवेन्यू सिस्टम) के तहत एक पब्लिक चैरिटी फंड के तौर पर रजिस्टर कराया और खुद को पब्लिक चैरिटी संस्था के साथ 50 हजार US डॉलर से कम आंका. लेकिन अब सवाल यही है कि जो कंपनी खुद को 50 हजार से कम की बताती है वो 2875000 डॉलर से ज्यादा के इनाम की घोषणा कैसे कर सकती है. इसका साफ तौर पर यही मतलब हो सकता है कि उन्हीं की धरती पर रहकर गुरपरवंत अमेरिकी सरकार और कानून की आंखों में धूल झोंक रहा है.

अब देखने वाली बात ये है कि अमेरिका में रह कर वहीं के सिस्टम में टैक्स फ्रॉड, क्रिमिनल एक्टिविटी जैसी चीजों को अंजाम दे कर ये संगठन और आतंकवादी पन्नू अब कितने दिन तक काम चलाएगा या एक बार फिर वहां के कानून के साथ खिलवाड़ कर बच निकलेगा.

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