Global Warming: अगले 5 साल में पड़ेगी इतनी गर्मी जितनी मानव इतिहास में कभी देखने को नहीं मिली!
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Global Warming: अगले 5 साल में पड़ेगी इतनी गर्मी जितनी मानव इतिहास में कभी देखने को नहीं मिली!

Rise In Global Temperature: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के महासचिव प्रोफ़ेसर पेटेरी तालस ने कहा, ‘स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, जल प्रबन्धन और पर्यावरण पर इसके दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे. हमें तैयार रहने की ज़रूरत है.’

Global Warming: अगले 5 साल में पड़ेगी इतनी गर्मी जितनी मानव इतिहास में कभी देखने को नहीं मिली!

World Meteorological Organization: अगले पांच वर्षों 2023-27 में वैश्विक तापमान में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि होने की संभावना है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट में यह कहा गया है. रिपोर्ट के अनुसार ऐसी 98% संभावना है कि अगले पांच वर्षों में कम से कम कोई एक साल, 2016 में स्थापित तापमान का रिकॉर्ड तोड़ेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी को समाहित करने वाली ग्रीनहाउस गैसों और प्राकृतिक अल नीनो (पूर्वी प्रशांत महासागर में पानी का असामान्य रूप से गर्म होना) मौसम स्थिति के कारण अगले पांच वर्षों में तापमान वृद्धि दर्ज की जाएगी.

'एक गर्म अल नीनो विकसित होने की संभावाना'
रिपोर्ट में कहा गया, ‘आने वाले महीनों में एक गर्म अल नीनो विकसित होने की संभावाना है, जो मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर वैश्विक तापमान को अनजानी स्थिति में धकेल देगा.’ आमतौर पर, अल नीनो विकसित होने के एक वर्ष बाद वैश्विक तापमान बढ़ाता है. यानि, इस मामले में 2024 में ऐसा होगा.

WMO के महासचिव प्रोफ़ेसर पेटेरी तालस ने कहा, ‘स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, जल प्रबन्धन और पर्यावरण पर इसके दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे. हमें तैयार रहने की ज़रूरत है.’

जिनेवा में जारी अपने स्टेट ऑफ क्लाइमेट अपडेट में, WMO ने कहा कि ऐसी 66 प्रतिशत सम्भावना है कि वर्ष 2023 और 2027 के बीच, वार्षिक औसत निकट-सतह वैश्विक तापमान, कम से कम एक वर्ष के लिए, पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होगा.

तालस  ने कहा, ‘इस रिपोर्ट का मतलब यह नहीं है कि हम स्थायी रूप से पेरिस समझौते में उल्लेखित 1.5 डिग्री सेल्सियस स्तर से अधिक हो जाएंगे, जो कई वर्षों में दीर्घकालिक वार्मिंग को संदर्भित करता है। हालांकि, डब्लूएमओ चेतावनी दे रहा है कि बढ़ती आवृत्ति के साथ अस्थायी आधार पर हम 1.5 डिग्री सेल्सियस स्तर को पार कर जाएंगे.’

क्या है पेरिस समझौता
पेरिस समझौते के तहत, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को पर्याप्त रूप से कम करने हेतु, सभी देशों का मार्गदर्शन करने के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, ताकि इस सदी में वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सके. साथ ही, भविष्य में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के प्रयास आगे बढ़ाए जा सकें, जिससे इसके प्रतिकूल प्रभावों और सम्बन्धित नुक़सान से बचा जा सके.

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