Horned Comet News: एक धमूकेतु सूरज की तरफ जा रहा है और यह धरती के करीब से गुजरेगा. खास बात यह है कि इस धूमकेतु के दो सिर भी हैं. इस धूमकेतु का नाम 12P/पोंस-ब्रूक्स (12पी) है. यह एक क्रायोवोल्केनिक या ठंडे ज्वालामुखी वाला धूमकेतु है. इस धूमकेतु के केंद्र में ठोस बर्फ, धूल और गैस भरी पड़ी है. जिसके चारों तरफ गैस के बादल हैं. जिन्हें कोमा कहते हैं. इस धमूकेतु का आकार काफी बड़ा है. इसका ब्यास 30 किलोमीटर बताया जा रहा है. यानी इसका आकार एक शहर के जितना बड़ा है. इसमें सक्रिय ज्वालामुखी हैं जो फट रहे हैं. ये लगातार महाठंडा मैग्मा अंतरिक्ष में छोड़ रहा है. 


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इस तारीख को होगा पृथ्वी के सबसे निकट
धूमकेतु 21 अप्रैल 2024 को सूर्य के सबसे नजदीक होगा और 2 जून 2024 को यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा. अगर आसमान साफ हो तो इसे रात में आसमान में देखा जा सकता है. यह धूमकेतु सूरज के चारों तरफ एक चक्कर 71 साल में लगाता है. 


20 जुलाई को धूमकेतु में एक बड़े विस्फोट को कई खगोलविदों ने देखा. विस्फोट की वजह से यह अचानक 100 गुना ज्यादा चमकीला हो गया. चमक में यह बढ़ोतरी तब हुई जब धूमकेतु का कोमा अचानक आंतरिक भाग से निकलने वाली गैस और बर्फ के क्रिस्टल के साथ फूल गया. इसके कारण सूर्य का अधिक प्रकाश पृथ्वी तक आ सका. बर्फीले विस्फोट की वजह से इस आकार लगातार बदल रहा है, लेकिन जो तस्वीर सामने आई है, उसमें इसके दो सींग दिख रहे हैं. 


क्या होते हैं धूमकेतु?
धूमकेतु सौरमण्डलीय निकाय है जो पत्थर, धूल, बर्फ़ और गैस के बने हुए छोटे-छोटे खण्ड होते है. यह ग्रहों के समान सूर्य की परिक्रमा करते है. छोटे पथ वाले धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा एक अण्डाकार पथ में लगभग 6 से 200 वर्ष में पूरी करते है. कुछ धूमकेतु का पथ वलयाकार होता है और वो मात्र एक बार ही दिखाई देते है. लम्बे पथ वाले धूमकेतु एक परिक्रमा करने में सहस्त्र वर्ष लगाते है.


अधिकतर धूमकेतु बर्फ़, कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, अमोनिया तथा अन्य पदार्थ जैसे सिलिकेट और कार्बनिक मिश्रण के बने होते है.