Iran-Israel Military Strength: अगर युद्ध छिड़ा तो कौन पड़ेगा भारी, जानें ईरान-इजरायल की सैन्य ताकत
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Iran-Israel Military Strength: अगर युद्ध छिड़ा तो कौन पड़ेगा भारी, जानें ईरान-इजरायल की सैन्य ताकत

Iran-Israel: ईरान और इजरायल के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. पूरी दुनिया की मध्य पूर्व पर टिकी है. इस बात की आशंका है कि तेहरान और यहूदी राष्ट्र के बीच एक बड़ा युद्ध छिड़ सकता है. 

Iran-Israel Military Strength: अगर युद्ध छिड़ा तो कौन पड़ेगा भारी, जानें ईरान-इजरायल की सैन्य ताकत

Iran-Israel Military Strength Comparison: तेहरान में पिछले हफ्ते हमास के राजनीतिक विंग के चीफ इस्माइल हनिया की हत्या के बाद ईरान और इजरायल के बीच युद्द छिड़ने की आशंका जताई जा रही है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वाशिंगटन का मानना ​​है कि अगले 24-48 घंटों के भीतर इजरायल पर ईरानी हमला शुरू हो सकता है. उन्होंने यह बात जी7 देशों के अपने समकक्षों से कही. युद्ध की आशंकाओं के बीच दोनों देशों की सशस्त्र बलों पर भी चर्चा हो रही हैं. आइए जानते हैं कि सैन्य ताकत के दृष्टि से दोनों देश एक दूसरे के सामने कहां खड़े हैं.

सेना
फर्स्ट पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान और इज़राइल की सेनाओं की एक-दूसरे के साथ तुलना करने पर पता चलता है कि जनशक्ति के मामले में तेहरान यहूदी राष्ट्र से बेहतर है.

ईरान की आबादी इज़राइल से दस गुना ज़्यादा है. रिपोर्ट में ग्लोबल फायरपावर के 2024 इंडेक्स के हवाले से ईरान की जनसंख्या 8,75,90,873 बताई गई है. वहीं इजरायल की आबादी महज 90,43,387 है. इसका मतलब है कि ईरान के पास चुनने के लिए लोगों का एक बड़ा समूह है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरानी सशस्त्र बल पश्चिम एशिया में सबसे बड़ा है. इसमें कम से कम 5,80,000 सक्रिय-ड्यूटी कर्मी और लगभग 200,000 ट्रेंड रिजर्व कर्मी हैं, जो पारंपरिक सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के बीच विभाजित हैं.

इसकी तुलना इज़राइल से की जाए,  तो उसके पास सेना, नौसेना और अर्धसैनिक बलों में 1,69,500 सक्रिय मिलिट्री पर्सनल हैं. इसके अलावा 4,65,000 इसके रिजर्व फोर्स, जबकि 8,000 इसके अर्धसैनिक बल का हिस्सा हैं.

रक्षा खर्च
रक्षा खर्च के मामले में इज़राइल ईरान से आगे निकल जाता है. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स से पता चलता है कि इज़राइल का रक्षा बजट $24 बिलियन है जबकि ईरान का $9.95 बिलियन है.

रिपोर्ट के मुताबिक वाशिंगटन स्थित फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज (FDD) का कहना है कि ईरान का सैन्य प्रतिष्ठान, विशेष रूप से इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC), अपनी फंडिंग के लिए केवल राज्य के बजट पर निर्भर नहीं है.

FDD ने बताया, 'सैन्य प्रतिष्ठान तेहरान स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिड कंपनियों के बाजार मूल्य का (पांचवां हिस्सा) नियंत्रित करता है और हजारों अन्य कंपनियों का मालिक है, जो सभी सशस्त्र बलों के लिए रेवेन्यू पैदा करते हैं. इसके अतिरिक्त, IRGC ईरान की अंडरग्राउंड अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण हिस्से को नियंत्रित करता है.'

हथियारों के मामले में इजरायल आगे
ईरान, सैन्य शक्ति के मामले में इजरायल से आगे है लेकिन हथियारों के मामले में तेल अवीव बढ़त बनाए हुए है. उदाहरण के लिए, इजरायल के पास तेहरान से ज़्यादा हवाई शक्ति है.

 

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स से पता चलता है कि इजरायल के पास कुल 612 विमान हैं, जबकि ईरान के पास 551 हैं. इजरायल की वायु सेना में F-15s, F-16s और F-35s जैसे सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान शामिल हैं. लेकिन ईरान के मामले में ऐसा नहीं है.

इजरायल के पास अपनी प्रसिद्ध मल्टी टायर एयर डिफेंस सिस्टम भी है, जिसमें आयरन डोम, डेविड स्लिंग, एरो और पैट्रियट शामिल हैं.

ईरान का मिसाइल शस्त्रागार शासनदार है. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के मुताबिक ईरान के पास पश्चिम एशिया में बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन का सबसे बड़ा जखीरा है, जिसमें क्रूज मिसाइलें और एंटी-शिप मिसाइलें शामिल हैं, साथ ही 2,000 किलोमीटर तक की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल हैं. इनमें इजरायल सहित किसी भी टारगेट को भेदने की क्षमता और रेंज है.

ईरान ने अपने निर्माण को कोई रहस्य नहीं बनाया है. मिलिट्री परेड के दौरान ड्रोन और मिसाइलों के अपने भंडार का प्रदर्शन करता है. तेहरान ड्रोन में एक बड़ा एक्सपोर्ट बिजनेस बनाने की महत्वाकांक्षा रखता है. ईरान के ड्रोन का इस्तेमाल रूस यूक्रेन में कर रहा है.

जमीनी ताकत
इज़राइल के पास 1,370 टैंक हैं जबकि ईरान के पास 1,996 हैं. हालांकि यहूदी राष्ट्र के पास मर्कवा टैंक जैसे ज़्यादा उन्नत टैंक हैं, जिन्हें दुनिया में सबसे बेहतरीन डिजाइन वाले और भारी बख्तरबंद टैंकों में से एक माना जाता है.

ईरान या इज़राइल में से किसी के पास भी नौसेना की ज़्यादा मौजूदगी नहीं है, हालाँकि ईरान छोटी नावों से हमला करने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है. ग्लोबल फायरपावर के अनुसार, तेहरान के बेड़े की ताकत 67 की तुलना में 101 है. इसके अलावा, यह  19 पनडुब्बियों का संचालन करता है जबकि इजरायल पांच को ऑपरेट करता है.

परमाणु हथियार
परमाणु शक्ति के मामले में, इज़राइल को बढ़त हासिल है. फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि इज़राइल के पास लगभग 80 परमाणु हथियार हैं. इनमें से लगभग 30 विमान द्वारा डिलीवरी के लिए ग्रेवेटी बम हैं. शेष 50 हथियार जेरिको II मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों द्वारा डिलीवरी के लिए हैं.

Photo courtesy- Reuters

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