भारत और चीन के रिश्तों में गर्मजोशी ही नहीं, भरोसे की भी भारी कमी है. वजह चीन खुद है. उसने समय-समय पर बॉर्डर पर माहौल खराब करने का ही काम किया है. ऐसे में कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से जयशंकर मिले तो रिश्तों में गर्मजोशी नदारद रही. भारत ने चीन को सुना भी दिया.
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India China LAC News: बार-बार बॉर्डर पर माहौल खराब कर रहे चीन को भारत ने एक बार फिर आगाह किया है. कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की आज मुलाकात हुई है. दोनों ने हाथ तो मिलाया लेकिन रिश्तों में गर्मजोशी नहीं दिखी. बैठक के समय जयशंकर ने 3एम की बात कर चीन को स्पष्ट संदेश भी दे दिया. जी हां, उन्होंने साफ कहा कि LAC का सम्मान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना जरूरी है. विदेश मंत्री ने कहा कि आपसी सम्मान यानी Mutual respect, आपसी संवेदनशीलता यानी Mutual sensitivity और आपसी हित यानी Mutual interest ही हमारे द्विपक्षीय संबंधों को दिशा देंगे.
भारत का साफ तौर पर मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मिलने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की.
Met with CPC Politburo member and FM Wang Yi in Astana this morning.
Discussed early resolution of remaining issues in border areas. Agreed to redouble efforts through diplomatic and military channels to that end.
Respecting the LAC and ensuring peace and tranquility in the… pic.twitter.com/kR3pSFViGX
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 4, 2024
दोनों नेता पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद संबंधी बाकी मुद्दों के समाधान के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयास दोगुना करने पर सहमत हुए हैं. कजाखिस्तान की राजधानी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में जयशंकर ने वांग से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है.
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच इन नेताओं के बीच यह बैठक हुई है. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘आज सुबह सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से अस्ताना में मुलाकात की. सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा की. कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी.’ (भाषा इनपुट के साथ)