WATCH: 'कैलासा' नामक अलग देश बनाने का दावा करने वाले नित्‍यानंद की 'राजदूत' ने भारत विरोधी बयान के बाद बदले सुर, अब कही ये बात
Advertisement
trendingNow11594404

WATCH: 'कैलासा' नामक अलग देश बनाने का दावा करने वाले नित्‍यानंद की 'राजदूत' ने भारत विरोधी बयान के बाद बदले सुर, अब कही ये बात

Vijayapriya Nithyananda News: पिछले हफ्ते जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में बोलते हुए विजयप्रिया ने भारत को लेकर एक टिप्पणी की थी. इस कार्यक्रम में उनका बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, विजयप्रिया ने अब सफाई दी है. 

WATCH: 'कैलासा' नामक अलग देश बनाने का दावा करने वाले नित्‍यानंद की 'राजदूत' ने भारत विरोधी बयान के बाद बदले सुर, अब कही ये बात

Nithyananda  News: विजयप्रिया नित्यानंद, - जो ‘कैलासा’ की यूएन में स्थायी राजदूत- होने का दावा करती हैं, ने अपने उस बयान पर सफाई दी है जिसमें कहा गया था कि विवादास्पद तांत्रिक नित्यानंद को उनके जन्मस्थान भारत में ‘हिंदू विरोधी तत्वों द्वारा सताया जा रहा है.’ पिछले हफ्ते जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में बोलते हुए विजयप्रिया ने यह बात कही थी.

इस कार्यक्रम में उनकी टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, विजयप्रिया ने अब सफाई दी है और कहा है कि तथाकथित ‘ यूनाइटिड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ भारत को ‘उच्च सम्मान’ देता है. बता दें भगोड़ा स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद भारत में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के कई आरोपों में वांछित है. वह अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करता रहा है. उसका दावा है कि उसने 2019 में तथाकथित राष्ट्र ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा (यूएसके)’ की स्थापना की थी और इसकी वेबसाइट के अनुसार, इसकी जनसंख्या में ‘दो अरब धर्मनिष्ठ हिंदू’ शामिल हैं.

यूनाइटिड स्टेट ऑफ कैलासा भारत को उच्च सम्मान देता ह
विजयप्रिया ने एक वीडियो मैसेज में कहा, ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने कहा था कि एसपीएच भगवान नित्यानंद परमशिवम को उनके जन्मस्थान में कुछ हिंदू विरोधी तत्वों द्वारा सताया जा रहा है. यूनाइटिड स्टेट ऑफ कैलासा भारत को उच्च सम्मान देता है और भारत को अपने गुरुपीडम के रूप में देखता है. धन्यवाद.’

 

विजयप्रिया ने कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र में मेरे बयान के बारे में एक स्पष्टीकरण जारी करना चाहते हैं, जिसे मीडिया के कुछ हिंदू विरोधी सेक्शन द्वारा जानबूझकर विकृत किया जा रहा है और गलत व्याख्या की जा रही है.’

हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं
विजयप्रिया ने कहा, ‘हम भारत सरकार से इन हिंदू विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं जो एसपीएच और कैलासा के खिलाफ हमला करना और हिंसा को उकसाना जारी रखे हुए हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये हरकतें भारतीय बहुसंख्यकों के मूल्यों या विश्वासों को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं.’

नित्यानंद के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट की गई ट्वीट्स की एक श्रृंखला में उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि भारत सरकार उनकी व्यवस्थित और रणनीतिक गतिविधियों को समाप्त करने और सभी संबंधितों की भलाई और सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रभावी उपाय करे.’

नित्यानंद के स्वघोषित देश 'रिपब्लिक ऑफ कैलास' के प्रतिनिधियों ने पिछले सप्ताह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने विवादास्पद तांत्रिक के लिए सुरक्षा की मांग की, जो खुद को ‘हिंदू धर्म का सर्वोच्च पुजारी’ बताता है. नित्यानंद के प्रतिनिधियों ने कैलासा की ओर से ‘स्वदेशी अधिकारों और सतत विकास’ पर बात की.

ओएचसीएचआर प्रतिनिधियों की दलील को बताया अप्रासंगिक
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि भारतीय भगोड़े नित्यानंद द्वारा स्थापित तथाकथित ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ के प्रतिनिधियों द्वारा पिछले सप्ताह जिनेवा में इसकी सार्वजनिक सभाओं में दी गई कोई भी दलील ‘अप्रासंगिक’ है और अंतिम मसौदा परिणाम में इस पर विचार नहीं किया जाएगा.

अपनी दो सार्वजनिक बैठकों में तथाकथित ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा के प्रतिनिधियों’ की भागीदारी की पुष्टि करते हुए मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने कहा कि उन्हें प्रचार सामग्री वितरित करने से रोका गया था और उनके भाषण पर ध्यान नहीं दिया गया. इन सार्वजनिक बैठकों में सभी के लिए पंजीकरण खुला था.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद  Zeenews.com/Hindi - सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news