वहां के अधिकारियों ने पहले इस बात को दबाने की कोशिश की थी और इसे दुर्घटना बताया था.
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नई दिल्ली: ईरान (Iran) के नतांज परमाणु साइट पर लगी आग से चिंता बढ़ गई है. ईरान ने माना है कि भूमिगत परमाणु स्थल के जिस बिल्डिंग में आग लगी थी वहां नया सेंट्रीफ्जूज असेंबली सेंटर था. हालांकि वहां के अधिकारियों ने पहले इस बात को दबाने की कोशिश की थी और इसे दुर्घटना बताया था.
साथ ही दावा किया था कि आग से सिर्फ एक इंडस्ट्रियल शेड जला है. बाद में ईरान के टेलिविजन पर जब हादसे की तस्वीरें दिखाई गईं तो पता चला कि दो मंजिला बिल्डिंग पर जलने के निशान थे और छत पूरी तरह नष्ट हो गई थी. ईरान के न्यूक्लियर एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि 2018 में इस परमाणु केन्द्र पर काम शुरू हुआ था. वहां ज्यादा आधुनिक सेंट्रीफ्यूज मशीनें लगाने की तैयारी थी लेकिन इस हादसे की वजह से इसके विकास और उत्पादन में देर होगी.
प्रवक्ता के मुताबिक आग लगने की वजह से कई अहम यंत्रों को नुकसान पहुंचा है. ईरान के मुतााबिक 2015 में दुनिया की महाशक्तियों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध के कबाद ये परमाणु केन्द्र अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा है. हालांकि अमेरिका के दो साल पहले प्रतिबंध हटा लेने के बाद ईरान आधुनिक सेंट्रीफ्यूज मॉडल पर काम कर रहा है. ईरान पहले से दावा करता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण मकसद के लिए है.
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इस बीच एक ऑनलाइन वी़डियो और संदेश के जरिये 'चीता ऑफ द होमलैंड' नाम के एक गुट ने परमाणु साइट पर लगी आग की जिम्मेदारी ली है. हालांकि ये नाम पहली बार सामने आने की वजह से ईरान के जानकारों की राय है कि नतांज परमाणु साइट पर लगी आग के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है.
नतांज में लगी आग से एक हफ्ते पहले ही तेहरान के पूर्वी इलाके में एक विस्फोट हुआ था. जानकारों के मुताबिक ये विस्फोट भूमिगत सुरंग और मिसाइल प्रोडक्शन सिस्टम में हुआ था.
दो अमेरिकी विशेषज्ञों ने सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से दावा किया कि नतांज में लगी आग दरअसल उसके सेंट्रीफ्यूज असेंबली सेंटर में लगी थी. वहीं कुछ का ये भी मानना है कि इस आग से सेंट्रीफ्यूज असेंबली की आधी इमारत जल गई है और इसका असर ईरान के जल्द इनरिच यूरेनियम हासिल करने के लक्ष्य पर पड़ेगा. जो अमेरिका और इजरायल के मनमाफिक बात हो सकती है.
नांतज में ईरान का मुख्य यूरेनियम संवर्द्धन सुविधा है. वहां लंबे हॉल में सेंट्रीफ्यूज के जरिये यूरेनियम को संवर्द्धित किया जाता है. IAEA के मुताबिक ईरान का यूरेनियम 4.5% शुद्ध है जो न्यूक्लियर डील से ज्यादा है लेकिन हथियार बनाने की क्षमता 90% से कम है. IAEA के मुताबिक नतांज में एडवांस सेंट्रिफ्यूज टेस्ट पर भी काम किया जाता है.
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