जापानी मीडिया संस्थान द सांकेई न्यूज के मुताबिक मई 2019 से जनवरी 2021 के बीच 316 बार कर्मचारियों ने ऑफिस दो मिनट पहले छोड़ा, तो उनके दफ्तर ने उनकी सैलरी काट ली.
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नई दिल्ली: जापान में सरकारी कर्मचारियों को भी उतना ही काम करना पड़ता है, जितना प्राइवेट नौकरियों में काम कर रहे लोगों को. यहां न सिर्फ काम का टारगेट मिलता है, बल्कि दफ्तर के लिए तय पूरा समय दफ्तर को ही देना पड़ता है.
जापानी हर काम परफेक्शन के साथ करते हैं. यही वजह है कि समय से दफ्तर पहुंचने की मारामारी हमेशा रहती है और जापान (Japan) की शिनचेन ट्रेन में पैर रखने की जगह नहीं होती. यही वजह है कि जापान में सरकारी कर्मचारियों का ऑउटपुट पूरी दुनिया में सबसे बेहतर है. क्योंकि अगर यहां समय से दफ्तर नहीं पहुंचे, तो भी सजा मिलती है और अगर समय से पहले दफ्तर छोड़ते हैं, तो सैलरी कट जाने का खतरा भी होता है.
जापानी मीडिया संस्थान द सांकेई न्यूज के मुताबिक मई 2019 से जनवरी 2021 के बीच 316 बार कर्मचारियों ने ऑफिस दो मिनट पहले छोड़ा, तो उनके दफ्तर ने उनकी सैलरी काट ली. हालांकि उनके दफ्तर से दो मिनट पहले निकलने की बड़ी वजह भी उनके पास थी, लेकिन सरकारी नियमों के चलते उनकी एक न चली और उन्हें सैलरी कट के लिए मजबूर होना पड़ा.
The Funabashi City Board of Education has disciplined a female assistant manager of the Lifelong Learning Department's branch office by reducing her salary by one-tenth (three months) for repeatedly leaving two minutes before the end of the regular https://t.co/937umMMgrx
— DeepL 翻訳を使って何となく翻訳されているアカウント。 (@6rXN9WIuBFrrFUW) March 10, 2021
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जापान के चीबा प्रांत के फुनाबाशी सिटी बोर्ड ऑफ एजुकेशन ने कड़क रवैया अपनाया. बोर्ड ने उन कर्मचारियों पर नजर रखी, जिन्होंने अटेंडेंस कार्ड में गलत समय भरा. ऐसा करने में लाइफलॉन्ग लर्निंग डिपार्टमेंट की 59 वर्षीय असिस्टेंट सेक्शन चीफ कर्मचारियों की मदद करती थी. जिसकी सजा के तौर पर तीन महीने की सैलरी में से दसवां हिस्सा काट लिया गया. इसके अलावा एक अन्य महिला को जुर्माना भरना पड़ा, क्योंकि वो अपने दफ्तर से 5.15 बजे निकल जाती थी, जबकि दफ्तर छोड़ने का समय 5.17 बजे था.