लश्कर-ए-तैयबा, हक्कानी जैसे आतंकी संगठनों को निशाना बनाए पाक: केरी
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लश्कर-ए-तैयबा, हक्कानी जैसे आतंकी संगठनों को निशाना बनाए पाक: केरी

अमेरिका ने मंगलवार को सख्त लहजे में पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे उन तमाम आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाने को कहा जो उसके खुद के लिए, भारत जैसे पड़ोसी देशों और अमेरिका के लिए खतरा हैं।

लश्कर-ए-तैयबा, हक्कानी जैसे आतंकी संगठनों को निशाना बनाए पाक: केरी

इस्लामाबाद : अमेरिका ने मंगलवार को सख्त लहजे में पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे उन तमाम आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाने को कहा जो उसके खुद के लिए, भारत जैसे पड़ोसी देशों और अमेरिका के लिए खतरा हैं।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी और अफगान तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य संगठन पाकिस्तान से लेकर पड़ोसी देशों तथा अमेरिका तक के लिए खतरा बने हुए हैं।’’ भारत के बाद पाकिस्तान के दौरे पर गए केरी ने कहा कि क्षेत्र में सुरक्षा लाने के लिए सभी आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाया जाना चाहिए।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी की इस बात को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि ये चरमपंथी देश में या, कहीं भी अपना पैर जमाने में सक्षम नहीं रह पाएं। इसमें कोई भी गलती न हो। यह एक मुश्किल काम है और इसे नहीं किया गया है।’’

हक्कानी नेटवर्क पर 2008 में काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर बमबारी के आरोप हैं जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई थी। उस पर 2011 में अमेरिकी दूतावास पर भी हमला करने के आरोप हैं। इसके अलावा अनेक बड़े ट्रक बम हमलों के प्रयासों में उसका हाथ रहा है।

अमेरिकी और अफगान अधिकारियों ने बार बार कहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अफगानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए गुप-चुप तरीके से हक्कानी नेटवर्क का समर्थन करती है। हालांकि, पाकिस्तान इन आरोपों को इनकार करता है।

लश्कर-ए-तैयबा ने भारत में कई हमले किए हैं जिनमें नवंबर 2008 में मुंबई में हुआ आतंकवादी हमला भी शामिल है जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे।

केरी ने पेशावर में सेना संचालित एक स्कूल पर तालिबान के हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘16 दिसंबर की त्रासदी यह याद दिलाती है कि चरमपंथियों को जड़ें जमाने देने, वहां उनका बोल-बाला स्थापित होने देने और वहां से उनकी गतिविधियों को अंजाम होने देने के कितने गंभीर खतरे हैं।’’ इस हमले में 150 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे थे। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी से सभी अमेरिकावासियों को सदमा पंहुचा और अमेरिका पीड़ित परिवारों और उनके गम में उनके साथ है।

गौरतलब है कि जून में पाकिस्तान ने उत्तरी वजीरिस्तान इलाके से आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए ‘जर्ब-ए-अज्ब’ नाम का बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया। इलाके में चलाए गए इस अभियान में 1,500 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं। यह इलाका आतकंवादी समूहों का गढ़ बन गया था जहां से ये आतंकवादी पाकिस्तान और अफगानिस्तान तथा क्षेत्र में अमेरिकी हितों से जुड़े संस्थानों पर हमलों को अंजाम देते हैं।

केरी ने कहा, ‘‘अभियान अभी पूरा नहीं हुआ लेकिन इसके मिल रहे परिणाम महत्वपूर्ण हैं।’’ केरी ने इस बात पर जोर दिया कि इन अभियानों से कबायली इलाकों में आतंकवादी गतिविधियां कमजोर हुई हैं और इसके परिणाम स्वरूप महत्वपूर्ण हथियारों को जब्त भी किया गया।’’ वहीं, अजीज ने केरी को आश्वस्त करते हुए कहा कि ‘‘बिना भेदभाव किए सभी आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां से पूरे अफगानिस्तान में संचालन करने की उनकी (हक्कानी नेटवर्क की) क्षमता अब वस्तुत: खत्म हो गई है।’’ अजीज ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि हमारे रक्षा बल भविष्य में अभी कुछ और समय तक आतंकवाद विरोधी मुहिम में बने रहेंगे।’’ उन्होंने इलाके में पुनर्वास के लिए अमेरिकी मदद मांगी जहां उनकी सेना आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।

केरी ने आपात राहत प्रयास के तहत कबायली इलाकों मुख्य रूप से वजीरिस्तान के लिए पहले से ही अनुगृहित की गई 25 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की।

 

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