America में सिर्फ दो Shirts की चोरी के लिए इस शख्स ने 20 साल Jail में गुजारे, 67 की उम्र में हुआ रिहा
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America में सिर्फ दो Shirts की चोरी के लिए इस शख्स ने 20 साल Jail में गुजारे, 67 की उम्र में हुआ रिहा

रिपोर्ट के अनुसार, लुइसियाना में आदतन अपराधियों के लिए बनाए गए कानून के तहत आरोपी को सजा सुनाई गई थी. उसने 500 डॉलर से कम राशि की दो शर्ट चुराई थीं. इस कानून में दोषी को अधिकतम 23 साल की सजा का प्रावधान था. इसलिए अदालत ने आरोपी को अधिकतम सजा सुनाई थी.  

 

फाइल फोटो

वॉशिंगटन: अमेरिका (America) में एक शख्स मामूली अपराध के लिए 20 साल की सजा काटने के बाद रिहा हुआ है. फरवरी 2000 में गिरफ्तार Guy Frank नामक इस शख्स को दो शर्ट (Shirt) चोरी के आरोप में यह सजा सुनाई गई थी. मामूली अपराध में लंबे समय से सजा काट रहे लोगों को रिहा करने के लिए लुइसियाना में ‘द इनोसेंस प्रोजेक्ट न्यू ऑरलियन्स’ (Innocence Project New Orleans) नाम का अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत कोर्ट ने फ्रैंक को रिहा किया है. इस घटना को लेकर एक बार फिर से अमेरिका में अश्वेत लोगों पर अत्याचार को लेकर बहस शुरू हो गई है. 

  1.  ‘द इनोसेंस प्रोजेक्ट' के तहत कुछ समय पहले हुई रिहाई
  2. अश्वेत लोगों पर अत्याचार के फिर लगे आरोप
  3. वर्ष 2000 में पुलिस ने चोरी के आरोप मों किया था गिरफ्तार

36 बार हो चुका है Arrest

डेली मेल की खबर के अनुसार, 67 वर्षीय  फ्रैंक एक आदतन अपराधी है. सैक्स फिफ्थ एवेन्यू (Saks Fifth Avenue) से शर्ट चोरी करने से पहले फ्रैंक को 36 बार गिरफ्तार किया गया था. उस पर चोरी और कोकीन रखने जैसे आरोप लगे थे. 1990 के दौर में उसे तीन साल की सजा भी सुनाई गई थी. वर्ष 2000 में जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो उस पर 500 डॉलर से कम राशि के सामान की चोरी करने का आरोप लगाया गया. अदालत ने इस आरोप को सही पाते हुए उसे जेल भेज दिया, जहां 20 साल गुजारने के बाद वह हाल ही रिहा हुआ है. 

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आदतन Criminals के लिए बनाया कानून

रिपोर्ट के अनुसार, लुइसियाना में 500 डॉलर से कम राशि की चोरी को उस समय बड़ा अपराध माना जाता था, और कानून में दोषी व्यक्ति को अधिकतम 23 साल की सजा का प्रावधान था. इसलिए अदालत ने उसे अधिकतम सजा सुनाई थी. हालांकि, ‘द इनोसेंस प्रोजेक्ट’ की कोशिशों के चलते वह कुछ समय पहले ही रिहा हो गया. बता दें कि आदतन अपराधियों के लिए बनाए गए इस कानून को थ्री स्ट्राइक कानून का नाम दिया गया था. इस कानून को बड़े पैमाने पर उत्पीड़न और नस्लीय भेदभाव का कारण बताया जाता है. 

Law के दुरुपयोग का आरोप

इनोसेंस प्रोजेक्ट न्यू ऑरलियन्स ने एक बयान में कहा कि फ्रैंक का मामला यह दिखाता है कि कैसे इस कानून के तहत अश्वेत लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि फ्रैंक समाज के लिए खतरा नहीं था, यह जानते हुए भी उसे इतना कठोर दंड दिया गया. गौरतलब है कि अमेरिका में अश्वेत लोगों से भेदभाव को लेकर पहले से ही माहौल गर्म है. हाल ही में पुलिस ने एक और अश्वेत युवक को गोली मार दी थी. जिसके बाद काफी विरोध-प्रदर्शन भी हुआ था. 

 

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