Mass Grave: यहां मिली 'महा कब्र', बिल्डिंग के नीचे 300 नर कंकाल बरामद; मचा हाहाकार
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Mass Grave: यहां मिली 'महा कब्र', बिल्डिंग के नीचे 300 नर कंकाल बरामद; मचा हाहाकार

Pembrokeshire Mass Grave: बिल्डिंग के नीचे एक साथ 300 नरकंकाल मिलने से हड़कंप मच गया है. पुरातत्वविद (Archaeologist) जांच में जुट गए हैं.

यूके में सामूहिक कब्रगाह

Mass Grave In UK: यूनाइटेड किंगडम (UK) से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यूके के पेंब्रोकशायर (Pembrokeshire) एक पुराने फूड डिपार्टमेंट स्टोर की बिल्डिंग के नीचे से 300 नरकंकाल बरामद हुए हैं, जिसकी वजह से हड़कंप मच गया है. हर कोई जानना चाह रहा है कि आखिर इतने सारे नरकंकाल एक साथ कैसे एक पास आ गए. वहीं कुछ लोगों ने इसे महा कब्र कहा है. बिल्डिंग में निर्माण कार्य चल रहा था, इस दौरान मजदूरों को नरकंकाल मिले.

300 नरकंकाल में लगभग आधे हैं बच्चों के अवशेष

द सन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पुरातत्वविदों (Archaeologists) ने साइट पर पहुंच गई है और जांच की जा रही है. शुरुआती जांच में पता चला है कि 300 नरकंकाल में लगभग आधे अवशेष बच्चों के हैं. इतिहासकारों का मानना ​​है कि प्राचीन कब्रगाह 600 साल से भी ज्यादा पुराना है.

सदियों पुराना हो सकता है कब्रगाह

डाइफेड आर्कियोलॉजिकल ट्रस्ट (Dyfed Archaeological Trust) के साइट पर्यवेक्षक एंड्रयू शोब्रूक (Andrew Shobbrook) ने कहा कि यह दफन होने के लिए काफी प्रतिष्ठित जगह रही होगी. इसकी मदद से आप अमीर से लेकर सामान्य शहर के लोगों की एक श्रृंखला देख सकते हैं. हालांकि, इस जगह का इस्तेमाल पुराने समय में कैसे किया गया था, इसके बारे में अन्य सिद्धांतों का पता लगाया जा रहा है.

वेल्श प्रिंस के हमले से जुड़ा इतिहास

गौरतलब है कि यह भी एक थ्योरी दी जा रही है कि 15वीं शताब्दी की शुरुआत में वेल्श प्रिंस ओवेन ग्लाइंडर के शहर पर आक्रमण के बाद साइट पर सामूहिक कब्र बनाई गई होगी. वहीं, मेलऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह संभव है कि 18वीं शताब्दी तक इस साइट का इस्तेमाल दफनाने के लिए किया जाता था.

साइट पर्यवेक्षक एंड्रयू शोब्रूक ने कहा कि हम जानते हैं कि शहर को 1405 में ओवेन ग्लाइंडर ने इस शहर पर आक्रमण किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे.

बता दें कि नरकंकालों की जांच पुरातत्वविदों की एक टीम कर रही है. बाद में इन्हें पास में एक उचित स्थान पर फिर से दफनाया दिया जाएगा. वहीं, पुरातत्वविद् गैबी लेस्टर ने कहा कि मैंने कभी भी अपने सपने में नहीं सोचा था कि मैं इतने बड़े प्रोजेक्ट में शामिल हो पाऊंगा. साइट खुद को हावरफोर्डवेस्ट और पेंब्रोकशायर के इतिहास का एक बड़ा हिस्सा दिखा रही है.

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