Exchange visitors In Us: एक तरफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ हुंकार भरी है, दूसरी तरफ एक रिपोर्ट ने भारत के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. अमेरिका में वीजा पर रह रहे भारतीयों बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. जानें पूरी खबर.
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student exchange visitors from India: भारत से अमेरिका जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रंप इस पर एक्शन न ले लें. ‘सेंटर फॉर इमिग्रेशन स्टडीज’ की विशेषज्ञ जेसिका एम. वॉन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की न्यायपालिका समिति को जानकारी देते हुए बताया कि 2023 में भारत के 7,000 से अधिक छात्र और आगंतुक अमेरिका में निर्धारित समय से अधिक रुके. इसके साथ उन्होंने अमेरिकी आव्रजन नीतियों में सुधार की जरूरत भी बताई. जिसमें एच-1बी वीजा से जुड़े बदलाव भी शामिल हैं. तय समय से अधिक ठहरने वालों में सबसे अधिक संख्या एफ और एम श्रेणी के वीजा धारकों की रही है. समझते हैं पूरा मामला.
भारतीय वीजा खत्म होने के बाद भी अमेरिका में डाले रहे डेरा
वॉन ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "ब्राजील, चीन, कोलंबिया के 2,0000 से अधिक नागरिक 2023 में छात्र या एक्सचेंज वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रहे. इनमें भारतीयों की संख्या सबसे अधिक (7,000) रही." उन्होंने कहा कि अमेरिका को वीजा जारी करने की नीतियों में बदलाव करना चाहिए और आंतरिक प्रवर्तन को मजबूत करना होगा. इसके अलावा, संसद को भी कानून में आवश्यक संशोधन करने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके.
‘सेंटर फॉर इमिग्रेशन स्टडीज’ की विशेषज्ञ जेसिका एम. वॉन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की न्यायपालिका समिति को जानकारी देते हुए बताया कि तय समय से अधिक ठहरने वालों में सबसे अधिक संख्या एफ और एम श्रेणी के वीजा धारकों की रही. आइए जानते हैं क्या है ये वीजा
क्या है एफ-1 और एम-1 वीजा?
एफ-1 वीजा उन छात्रों को दिया जाता है जो अमेरिका के किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज, विश्वविद्यालय, अकादमिक हाई स्कूल या भाषा प्रशिक्षण संस्थान में पूर्णकालिक पढ़ाई कर रहे होते हैं. वहीं, एम-1 वीजा व्यावसायिक या अन्य गैर-शैक्षणिक कार्यक्रमों में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए होता है.
क्या है ट्रंप के लिए सुझाव
विशेषज्ञ जेसिका एम. वॉन ने H-1B वीजा के लिए एक और सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि यह वीजा दो साल की अवधि के लिए दिया जाना चाहिए, जिसे चार साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा, ग्रीन कार्ड की याचिका के आधार पर स्वचालित वीजा विस्तार नहीं होना चाहिए. साथ ही वॉन ने यह भी कहा कि हर साल H-1B वीजा की संख्या 75,000 या उससे कम होनी चाहिए, जिसमें गैर-लाभकारी और अनुसंधान क्षेत्रों के वीज़ा भी शामिल हैं. अगर आवेदन ज्यादा आते हैं, तो सबसे कुशल श्रमिकों को ही वीज़ा मिलना चाहिए और इसके लिए उच्चतम वेतन देने वाले नियोक्ताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.