पाकिस्तान: मीडिया सेंसरशिप पर बोले इमरान खान, पाबंदी का इरादा नहीं, निगरानी करेंगे
पाकिस्तान में मीडिया सेंसरशिप के आरोपों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि देश में मीडिया पर पांबदी का उनका कोई इरादा नहीं है लेकिन इसकी निगरानी की जाएगी.
वॉशिंगटन: पाकिस्तान में मीडिया सेंसरशिप के आरोपों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि देश में मीडिया पर पांबदी का उनका कोई इरादा नहीं है लेकिन इसकी निगरानी की जाएगी. पाकिस्तानी अखबार जंग की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका दौरे के दौरान मंगलवार को थिंकटैंक 'इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' में इमरान ने अपने संबोधन में कहा कि मीडिया को वॉचडॉग की भूमिका निभानी चाहिए, न कि ब्लैकमेलिंग करना चाहिए. इस सबके साथ, उन्होंने यह भी माना कि देश में आजाद मीडिया की वजह से ही वह विपक्ष में रहने के दौरान भी लोगों तक अपनी बात पहुंचा सके थे.
उन्होंने दावा किया कि उनके देश में मीडिया को ब्रिटेन की मीडिया से भी अधिक आजादी है. उन्होंने पूछा कि क्या ब्रिटेन में कोई चैनल यह कह सकता है कि देश का प्रधानमंत्री कल अपनी पत्नी को तलाक देने जा रहा है, जैसा कि उनके मामले में हुआ. इमरान ने कहा, "मैं ब्रिटेन में रह चुका हूं.
वहां मीडिया में ऐसी कोई बात प्रसारित नहीं होती जैसी पाकिस्तान में होती है ." उन्होंने कहा कि देश में करीब अस्सी चैनल हैं लेकिन दिक्कत केवल तीन को है . उन्होंने कहा कि मीडिया सेंसरशिप का उनकी सरकार का कोई इरादा नहीं है, हम मीडिया वॉचडॉग को मजबूत करेंगे . मीडिया को भी यह बताना होगा कि उसकी आय का स्रोत क्या है .
उन्होंने कहा कि अगर मीडिया मालिकों से टैक्स के बारे में पूछा जाता है तो वे इसे मीडिया की आजादी पर हमला बताने लगते हैं. पत्रकारिता की आजादी और मीडिया मालिकों की मनमानी को एक समान नहीं कहा जाना चाहिए . पाकिस्तान में मामला मीडिया की नहीं बल्कि इसके मालिकों की आजादी का है.
इमरान ने कहा कि वह इस बात के समर्थक हैं कि सरकार को मीडिया को नियंत्रित नहीं करना चाहिए लेकिन एक नियामक प्राधिकरण होना चाहिए जो मीडिया के मामलों को देखे.