नेपोलियन की दूसरी बीवी कौन थी जिसके लिए उसने पहली को तलाक दे दिया? कहानी मैरी लुईस की
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नेपोलियन की दूसरी बीवी कौन थी जिसके लिए उसने पहली को तलाक दे दिया? कहानी मैरी लुईस की

Marie-Louise Story: फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट को पहली पत्नी जोसेफिन डी ब्यूहरैनिस से कोई संतान नहीं थी. इसलिए नेपोलियन ने जोसेफिन को तलाक देकर ऑस्ट्रिया की राजकुमारी मैरी लुईस से दूसरी शादी की. 

नेपोलियन की दूसरी बीवी कौन थी जिसके लिए उसने पहली को तलाक दे दिया? कहानी मैरी लुईस की

Napoleon's Second Wife Marie-Louise: दुनिया के महानतम सेनापतियों में से एक, नेपोलियन बोनापार्ट की निजी जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव आए. 18वीं सदी के अंत में उसे जोसेफिन से प्यार हो गया. जोसेफिन एक विधवा थीं और उनका कई राजनीतिक हस्तियों से अफेयर रहा. नेपोलियन और जोसेफिन ने एक-दूसरे को खूब प्रेमपत्र लिखे जिनमें से कई आज भी मौजूद हैं. जोसेफिन उम्र में नेपोलियन से बड़ी थी इसलिए जब शादी हुई तो उसने मैरिज सर्टिफिकेट पर अपनी उम्र 4 साल कम दिखाई, नेपोलियन की उम्र में भी 18 महीने कम किए. ऐसा इसलिए ताकि दोनों हमउम्र लगें. हालांकि, एक विधवा से शादी करने की वजह से नेपोलियन का परिवार उससे नाराज था. बहरहाल, शादी के कुछ साल बाद ही साफ हो गया कि जोसेफिन मां नहीं बन सकती. नेपोलियन जोसेफिन से प्यार जरूर करता था, मगर उसे वारिस भी चाहिए था. परिवार के दबाव में आकर नेपोलियन ने दूसरी शादी के लिए हां कर दी. जोसेफिन शादी को रद्द करने के लिए राजी हो गईं लेकिन नेपोलियन से ताउम्र प्यार करती रहीं. नेपोलियन ने ऑस्ट्रिया की मैरी-लुईस से दूसरी शादी रचाई. वह मैरी की ओर आकर्षित तो था लेकिन कहा कि 'मैं एक कोख से शादी कर रहा हूं'. पढ़‍िए मैरी-लुईस की कहानी.

नेपोलियन और जोसेफिन का तलाक

जोसेफिन की पहली शादी नाकाम रही थी. उसका पहला पति किसी और महिला के लिए जोसेफिन और दो बच्चों को छोड़कर चला गया था. इतिहासकारों के अनुसार, जोसेफिन ने फ्रांस की कई राजनीतिक हस्तियों से अफेयर किए. 1795 में उसकी मुलाकात नेपोलियन बोनापार्ट से हुई. नेपोलियन उम्र में जोसेफिन से छह साल छोटा था. उसके मन में प्रेम के अंकुर फूटे और जनवरी 1796 में नेपोलियन ने जोसेफिन के आगे शादी का प्रस्ताव रखा. 9 मार्च 1796 को दोनों का विवाह हुआ. दो दिन बाद ही, बोनापार्ट इटली की सेना का नेतृत्व करने पेरिस से रवाना हुआ. उसने जोसेफिन को खूब चिट्ठियां लिखीं जिनमें उसने खुलकर अपने प्रेम का इजहार किया. हालांकि जोसेफिन ने कभी-कभार ही नेपोलियन के खतों का जवाब भेजा. इतिहासकार इस पर सहमत हैं कि जोसेफिन, नेपोलियन को उतना प्यार नहीं करती थीं जितना वह उसे.

उधर नेपोलियन युद्ध लड़ रहा था, इधर पेरिस में जोसेफिन ने गैर-मर्द से अफेयर शुरू कर दिया. जब इसकी भनक नेपोलियन के कानों तक पहुंची तो उसका दिल टूट गया. उसने  एक जूनियर अधिकारी की बीवी से इश्क लड़ाना शुरू कर दिया. जोसेफिन और नेपोलियन का रिश्‍ता पहले जैसा नहीं रह गया था. 1804 में जब नेपोलियन को फ्रांस का सम्राट चुना गया तो जोसेफिन महारानी बनीं. ताजपोशी के कुछ साल में यह साफ हो गया कि जोसेफिन कभी मां नहीं बन पाएंगी. नेपोलियन ने अपने भतीजे और जोसेफिन के पोते - नेपोलियन चार्ल्स बोनापार्ट को उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन 1807 में उसकी मौत हो गई. इसके बाद, नेपोलियन ने दूसरी शादी के लिए राजकुमारियों की तलाश शुरू की. उसने जोसेफिन से कहा क‍ि फ्रांस के भविष्य के लिए उसे नई पत्नी ढूंढनी होगी जो उसे वारिस दे सके. जोसेफिन मान गईं और 10 जनवरी, 1810 को दोनों का तलाक हो गया.

दूसरी पत्नी की तलाश और मैरी लुईस से शादी

नेपोलियन ने यूरोप के प्रमुख शाही घरानों में योग्य युवतियों की तलाश शुरू की. नेपोलियन ने रूस की ग्रैंड डचेस अन्ना पावलोवना से शादी करने में दिलचस्पी जताई मगर उधर से बातचीत में देर होती रही. तंग आकर नेपोलियन ने प्रस्ताव वापस ले लिया और ऑस्ट्रिया की राजकुमारी मैरी-लुईस से शादी की कोशिशें शुरू की. जब मैरी को नेपोलियन से शादी की खबर की गई तो उसने कहा, 'मेरी वही इच्छा है जो जिसकी मेरा कर्तव्य मुझे इजाजत देता है.' प्रॉक्सी के जरिए नेपोलियन और मैरी की शादी 11 मार्च, 1810 में हुई. फ्रांस में पहुंचने के बाद मैरी को नेपोलियन की बहन के जिस्म सौंप दिया गया था. तब एक रिवाज था कि शाही दुलहन को अपने घर का कुछ नहीं रखना चाहिए, ,खासतौर से कपड़े. मैरी के सारे कपड़े उतरवा लिए गए, पूरी तरह नग्न कर दिया गया. इसके बाद नेपोलियन की बहन ने मैरी को नहलाया और फ्रांसीसी दुलहन की पोशाक पहनाई.

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नेपोलियन और मैरी का रिश्‍ता

नेपोलियन को शुरू में मैरी से कोई खास लगाव नहीं था लेकिन धीरे-धीरे उनका रिश्ता आगे बढ़ा. नेपोलियन को लगता था कि मैरी बेहद शर्मीली और डरपोक हैं. मैरी को नेपोलियन का जोसेफिन से तलाक के बाद भी जुड़ाव रखना नहीं भाता था. 20 मार्च, 1811 को मैरी ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसे रोम के सम्राट का खिताब मिला. अगले साल यूरोप में भयानक युद्ध छिड़ गया. 1814 आते-आते फ्रांस की हालत खराब होने लगी थी, दुश्‍मन करीब आता देख मैरी और उसके बेटे को पेरिस से निकाला गया. अप्रैल 1814 में नेपोलियन ने सत्ता त्याग दी और इटली के एक द्वीप पर निर्वासन को तैयार हो गया. मैरी की शाही रैंक बरकरार रही और उसे परमा का डची बचा दिया गया और बेटा उत्तराधिकारी. सलाहकारों ने मैरी से कहा कि वे नेपोलियन के पास न जाएं क्योंकि वह जोसेफिन की मौत से गमजदा है. मैरी को नेपोलियन से मिलने से रोकने के लिए ऑस्ट्रिया के सम्राट फ्रांसिस ने काउंट एडम अल्बर्ट वॉन नीपरग को भेजा. मैरी को नीपरग से मोहब्बत हो गई. दोनों के इश्क के चर्चे न तो फ्रांस की जनता को भाए, न ही ऑस्ट्रिया की.

मार्च 1815 में नेपोलियन भाग निकला और फिर से अपना राज शुरू किया. मित्र देशों ने फिर युद्ध का ऐलान कर दिया. मैरी से कहा गया कि वे ऑस्ट्रियन सेना की सफलता की कामना करने वाले जुलूस में शामिल हों, लेकिन उसने मना कर दिया. मैरी ने नेपोलियन के निजी सचिव को एक पत्र भिजवाया जिसमें लिखा, 'मैं कभी तलाक को मंजूरी नहीं दूंगी लेकिन मुझे लगता है कि वे मर्जी से अलग होने का विरोध नहीं करेंगे और न ही मेरे प्रति कोई दुर्भावना रखेंगे.'

हालांकि, वाटरलू की लड़ाई में नेपोलियन की हार हुई और उसे सेंट हेलेना में निर्वासित कर दिया गया. इसके बाद नेपोलियन ने मैरी से संपर्क करने की कोई कोशिश नहीं की. वियना कांग्रेस में मैरी को परमा का शासक माना गया लेकिन उसके बेटे को इटली लाने से रोक दिया गया. दिसंबर 1816 में मैरी ने नीपरग को प्रधानमंत्री बना दिया. दोनों के तीन बच्चे हुए. 

मैरी लुईस की तीसरी शादी

नेपोलियन की मृत्यु 5 मई, 1821 को हुई. उधर, मैरी ने नीपरग से शादी कर ली थी. फरवरी 1829 में नीपरग की मौत से मैरी टूट गईं लेकिन ऑस्ट्रिया ने उनके सरेआम शोक प्रकट करने पर रोक लगा दी. नीपरग की जगह जोसेफ़ वॉन वर्क्लिन को ग्रैंड चेम्बरलेन यानी प्रधानमंत्री बनाया गया. 1833 में, वर्क्लिन की जगह चार्ल्स-रेने डे बॉम्बेल्स को प्रधानमंत्री बनाया गया. बॉम्बेल्स ने मैरी की माली हालत में काफी सुधार किया और वह निजी रूप से भी उनके काफी करीब आ गया. करीब छह महीने बाद, मैरी ने बॉम्बेल्स से शादी कर ली. 

दिसंबर 1847 में मैरी-लुईस की तबीयत बिगड़ गई. 17 दिसंबर को उल्टियां करने के बाद वह बेहोश हुईं तो फिर कभी न उठीं. शाम को उनकी मौत हो गई. मैरी-लुईस का पार्थिव शरीर वियना में दफनाया गया था.

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