मंगल ग्रह पर उड़ेगा हेलीकॉप्‍टर, NASA ने लॉन्च किया Mars मिशन
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मंगल ग्रह पर उड़ेगा हेलीकॉप्‍टर, NASA ने लॉन्च किया Mars मिशन

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब तक का सबसे बड़ा और जटिल रोवर (mars Rover) गुरुवार को प्रक्षेपित (Launch) किया.

मंगल ग्रह पर उड़ेगा हेलीकॉप्‍टर, NASA ने लॉन्च किया Mars मिशन

केप केनवरलः मंगल ग्रह (mars mission) की चट्टान को पहली बार धरती पर लाकर किसी प्राचीन जीवन के प्रमाण की जांच के लिए उसका विश्लेषण करने के वास्ते अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब तक का सबसे बड़ा और जटिल रोवर (mars Rover) गुरुवार को प्रक्षेपित (Launch) किया. लंबे समय तक चलने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत कार के आकार का रोवर बनाया गया है जो कैमरा, माइक्रोफोन, ड्रिल और लेजर से युक्त है. नासा का ‘परसेवेरेन्स’ (Perseverance rover) नामक रोवर, शक्तिशाली एटलस-5 रॉकेट (Atlas 5) पर सवार होकर मंगल की यात्रा पर सुबह निकल पड़ा.

अगले साल पहुंचेगा लाल ग्रह पहुंचेगा रोवर
चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने भी पिछले सप्ताह मंगल पर पहुंचने के लिए अपने रोवर भेजे हैं. उम्मीद है कि तीनों देशों के रोवर सात महीने और 48 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करने के बाद अगले साल फरवरी तक लाल ग्रह पर पहुंच जाएंगे. प्लूटोनियम की शक्ति से संचालित, छह पहियों वाला रोवर मंगल की सतह पर छेद कर चट्टानों के सूक्ष्म नमूने एकत्र करेगा जिन्हें संभवतः 2031 में धरती पर लाया जाएगा. इस कवायद में और देशों के शामिल होने की भी उम्मीद है. रोवर की कुल लागत आठ अरब अमेरिकी डॉलर बताई जा रही है. 

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ये है इस मिशन का उद्देश
इस अभियान से मंगल पर जीवन के प्रमाण खोजने के अलावा लाल ग्रह के बारे में बहुत सी जानकारी प्राप्त होगी जिससे 2030 के दशक तक मानव अभियान के लिए मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है. यान के प्रक्षेपण से कुछ देर पहले नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेन्स्टीन ने कहा, “हमने इस रोबोट (रोवर) का नाम परसेवेरेन्स किसी कारण से रखा है. क्योंकि मंगल पर जाना बहुत कठिन है.” अंग्रेजी शब्द ‘परसेवेरेंस’ का अर्थ है दृढ़ता या संकल्पित होकर किसी कार्य को करना. ब्रिडेन्स्टीन ने कहा, “यह हमेशा कठिन रहा है. यह कभी सरल नहीं रहा. महामारी के बीच यह और भी कठिन कार्य था.”

अंतरिक्ष यान उतारने में सफलता पाने वाले इकलौता देश है अमेरिका 
विश्वभर से मंगल पर जाने वाले आधे से अधिक अभियान में यान या तो जल गए हैं या टकरा कर बर्बाद हो गए. अमेरिका अकेला देश है जिसने मंगल पर एकदम सुरक्षित तरीके से अंतरिक्ष यान उतारने में सफलता पाई है. इस बार भेजा गया रोवर अमेरिका का नौवां अभियान है और नासा को उम्मीद है कि वह सुरक्षित उतर जाएगा. यदि सब कुछ ठीक रहा तो रोवर मंगल पर 18 फरवरी 2021 को उतरेगा.

रोवर में 25 कैमरे और दो माइक्रोफोन हैं. परसेवरेंस जेजेरो क्रेटर पर जाकर जीवन के प्रमाण तलाश करेगा. माना जाता है कि इस स्थान की चट्टानों पर सूक्ष्म जीवों के अवशेष हैं और वहां तीन अरब साल पहले एक झील थी. रोवर, टाइटेनियम के ट्यूब में चट्टान के 15 ग्राम नमूने एकत्र करेगा. वह एक नन्हा हेलीकॉप्‍टर भी छोड़ेगा जो किसी दूसरे ग्रह पर उड़ान भरने का पहला प्रयास होगा. 

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