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तेगीना: उत्तर पश्चिमी नाइजीरिया (Nigeria) के लोग अपने बच्चों को छुड़ाने के लिए घर, जमीन से लेकर कार तक सब कुछ बेचने को मजबूर हैं. दरअसल, यहां से करीब 1000 से ज्यादा बच्चों को अगवा किया गया है और अपहरणकर्ता (Kidnappers) उन्हें रिहा करने के लिए फिरौती मांग रहे हैं. अबुबकर आदम (Abubakar Adam) जैसे कुछ आम नागरिक अपराधियों की डिमांड पूरी करते हुए उन्हें पैसा भी दे आए हैं, लेकिन उनके बच्चे आजाद नहीं हुए हैं. क्योंकि अपहरणकर्ताओं ने अब नई डिमांड रख दी है.
कुछ हथियारबंद लोगों ने अबुबकर आदम (Abubakar Adam) के 11 में से सात बच्चों को अगवा कर लिया था. इसके बाद अपराधियों ने बच्चों की रिहाई के बदले में फिरौती (Ransom) मांगी, जिसे पूरी करने के लिए आदम ने अपनी कार और जमीन बेच दी. उन्होंने 7,300 डॉलर की रकम जुटाई और अन्य पीड़ित परिवारों की फिरौती की रकम के साथ मिलाकर उसे किडनैपर्स को दे दिया. लेकिन अपराधियों ने पैसा लेकर पहुंचे व्यक्ति को ही अपने कब्जे में कर लिया और फिर बाद में उसी के माध्यम से नई डिमांड भेज दी.
टायर पंचर जोड़ने वाले अबुबकर आदम ने कहा, ‘मेरे पास अब देने के लिए कुछ नहीं है. मैंने अपहरणकर्ताओं की मांग पूरी करने के लिए अपना सबकुछ बेच दिया, अब वो छह मोटरसाइकिल और कुछ कैश की डिमांड कर रहे हैं जिसे पूरा कर पाना मेरे लिए संभव नहीं. पता नहीं मेरे बच्चों का क्या होगा’. आदम ने सरकार से बच्चों के रिहाई की गुहार लगाई है. न्यूज एजेंसी Reuters के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिसंबर से अब तक 1000 बच्चों को अगवा किया जा चुका है, जिनमें से 300 अब तक वापस नहीं लौटे हैं.
वहीं, राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी (President Muhammadu Buhari) ने लोगों से कहा है कि किडनैपर्स की मांग किसी भी सूरत में पूरी न की जाए, क्योंकि इससे उन्हें बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, ये बात अलग है कि आम जनता के पास इसके अलावा और कोई विकल्प भी नहीं है. सुरक्षा एजेंसियां अपहरणकर्ताओं के आगे बौनी साबित हो रही हैं. एजेंसियों का कहना है कि सैन्य कार्रवाई और दूसरे तरीकों से भी इन अपराधियों को निशाना बनाया जा रहा है, पर अब तक ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं.
वैसे अबुबकर आदम अकेले नहीं हैं, सैकड़ों परिवारों के बच्चे इस वक्त अपराधियों की कैद में हैं. अमीनू सलीसु (Aminu Salisu) के आठ साल के बेटे को भी किडनैप कर लिया गया है. उसे तेगीना के सालिहू टांको इस्लामिक स्कूल से दिनदहाड़े 130 बच्चों सहित अगवा किया गया था. अमीनू ने कहा, ‘हम सरकार से मदद की भीख मांग रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. पता नहीं मेरा बच्चा कैसा होगा’. अमीनू सलीसु ने अपहरणकर्ताओं की मांग पूरी करने के लिए अपनी दुकान का एक-एक सामान बेच दिया. वहीं, एक स्कूल मालिक को अपनी आधी जमीन तक बेचनी पड़ी. इस तरह तेगीना के लोगों ने किडनैपरों को देने के लिए करीब 30 मिलियन नायरा (72,899 डॉलर) जुटाए, लेकिन उनके बच्चे अब तक वापस नहीं लौट पाए हैं. क्योंकि अपराधियों ने नई डिमांड सामने रख दी है.
लागोस की संस्था SBM इंटेलिजेंस के अनुसार, अपहरणकर्ताओं ने जून 2011 से मार्च 2020 तक नाइजीरिया में 18 मिलियन डॉलर से अधिक की फिरौती वसूली है. टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज की चरमपंथ नीति इकाई के विश्लेषक बुलामा बुकार्ती (Bulama Bukarti) ने कहा कि नाइजीरिया में किडनैपिंग एक पेशा बन गया है. महंगाई, बेरोजगारी के चलते युवा किडनैपिंग को अपना करियर बना रहे हैं. उन्हें पता है कि अपने बच्चों को छुड़ाने के लिए लोग कुछ भी करेंगे. पिछले कुछ वक्त में जिस तरह से अपहरणकर्ताओं को सफलता मिली है, उससे ज्यादा से ज्यादा युवा इस क्राइम की तरफ आकर्षित हुए हैं. बुकार्ती ने कहा कि अकेले उत्तर-पश्चिम में ही लगभग 30,000 डाकू ऑपरेट कर रहे हैं.
पिछले साल दिसंबर में बंदूकधारियों ने रात के समय छापेमारी के दौरान उत्तर-पश्चिमी राज्य कटसीना के एक सरकारी विद्यालय से 344 लड़कों का अपहरण कर लिया था. हालांकि, करीब एक हफ्ते बाद उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन इस घटना के बाद अपहरण की वारदातों में एकदम से तेजी आ गई. ये अपहरणकर्ता इस्लामिक आतंकवादी समूह बोको हराम की राह पर चल रहे हैं. जिसने 2014 में उत्तरपूर्वी शहर चिबोक से 200 से अधिक स्कूली छात्राओं को अगवा किया था. उस दौरान, आतंकी संगठन ने कुछ लड़कियों की जबरन अपने लड़ाकों से शादी भी कराई थी.