Bangladesh, Chatgaon: शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट करने के बाद नई अंतरिम सरकार का झुकाव पाकिस्तान की तरफ हो गया है. पाकिस्तान को लगातार बांग्लादेश की तरफ से राहत पर राहत मिलनी शुरू हो गई हैं. शेख हसीना ने जिन चीजों पर पाबंदी लगाई हुई थी उनको अब धीरे-धीरे हटाया जा रहा है.
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Bangladesh Pakistan: बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद नई सरकार का पाकिस्तान के प्रति उमड़ने वाला प्रेम सारी दुनिया को दिखाई दे रहा है. पिछले 50 वर्षों से जिन चीजों पर पाबंदी थी अब नई सरकार पाकिस्तानियों को उनमें राहत दे रही है. पहले वीजा नियमों में पाकिस्तान को मिलने वाली ढील और अब पाकिस्तानी जहाजों को सीधे बांग्लादेश पहुंचना भारत के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूनुस सरकार की तरफ से पाकिस्तान को दी जा रही लगातार राहत भारत के लिए परेशानियों की वजह बन सकती है, क्योंकि भारत और बांग्लादेश लगभग 4 हजार किलोमीटर बॉर्डर एक दूसरे शेयर करते हैं.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की काहिरा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के बाद पाकिस्तान से दूसरा कंटेनर जहाज चटगांव पहुंचा. पाकिस्तान से बांग्लादेश पहुंचने वाला यह दूसरा कंटेनर जहाज है. नई सरकार बनने के बाद पहला कंटेनर नवंबर के महीने के मध्य में चटगांव पहुंचा था. पिछले 50 से भी ज्यादा वर्षों में यह दूसरी बार था जब पाकिस्तानी कंटेनर बांग्लादेश पहुंचे हों. इससे पहले शेख हसीना की सरकार में पाकिस्तान के साथ रिश्ते अच्छा नहीं थे और पाकिस्तान पर कई तरह की पाबंदियां लगी हुई थीं.
खतरा इस चीज का है कि अभी तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि पाकिस्तान बांग्लादेश में क्या चीजें भेज रहा है. चटगांव बंदरगाह प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक जहाज में 1000 से ज्यादा सिंगल कंटेनर मौजूद हैं लेकिन अभी तक वस्तुओं का पता नहीं चल पाया है. हालांकि कहा जा रहा है कि कंटेनरों में कपड़ा और चीनी थी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान से बांग्लादेश पहुंचने वाले जहाजों पर कड़ी नज़र रखना ज़रूरी है क्योंकि कंटेनरों में आतंकवाद और विद्रोही समूहों के लिए रक्षा उपकरण हो सकते हैं.़
नवंबर में चटगांव बंदरगाह पर पहुंचे मालवाहक जहाज़ यह 53 वर्षों में पाकिस्तान से सीधे बांग्लादेश जाने वाला पहला जहाज़ बन गया. पनामा के झंडे वाला एमवी युआन जियांग फ़ा झान चीन की अनहुई गुओहाई सैनलोंग शिपिंग द्वारा चलाया जाता है. यह पहले यूएई से पाकिस्तान गया और फिर बांग्लादेश पहुंचा. इससे पहले माल को तीसरे देशों - श्रीलंका, सिंगापुर और मलेशिया के ज़रिए पाकिस्तान से बांग्लादेश भेजा जाता था.
2022 में हसीना ने चीनी निर्मित पाकिस्तानी युद्धपोत, पीएनएस तैमूर को चटगांव बंदरगाह पर लंगर डालने की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया. हसीना का तख्तापलट होने के बाद बनी नई सरकार के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश के कारोबारियों को पाकिस्तान से माल आयात करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के शिपिंग मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने भारत-बांग्लादेश शिपिंग समझौते की समीक्षा का सुझाव दिया है, जिसके तहत भारत को चटगांव और मोंगला बंदरगाहों तक पहुंच प्रदान की गई थी.
बता दें कि चटगांव पर पहुंच रहे पाकिस्तानी कंटेनर्स को लेकर जाहिर किया जा रहा खतरा हवा-हवाई नहीं है, क्योंकि इससे पहले यहां इस तरह की गतिविधियां देखी जा चुकी हैं. अप्रैल 2004 में चटगांव के रास्ते 10 ट्रक अवैध हथियार और गोला-बारूद की तस्करी करते हुए पकड़े गए थे. उस समय की बीएनपी-जमात सरकार के सीनियर मेंबर, ढाका में रहने वाले परेश बरुआ समेत कई लोग इस साजिश का हिस्सा थे. ये हथियार यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम और अन्य पूर्वोत्तर-आधारित विद्रोही समूहों और संभवतः लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के लिए थे.