'मैं अपने बेटी का असली बाप नहीं', आरोप निकला झूठा तो जज ने सुना दिया फरमान- इसे 80 कोड़े मारो
Advertisement
trendingNow12196099

'मैं अपने बेटी का असली बाप नहीं', आरोप निकला झूठा तो जज ने सुना दिया फरमान- इसे 80 कोड़े मारो

Pakistani court rare punishment : पाकिस्तान की एक अदालत ने एक अनोखा फैसला सुनाया है. जो खूब चर्चा में है. जज ने एक आदमी को 80 कोड़े मारे जाने की सजा सुनाई है. आइए जानते हैं क्या है इस आदमी का गुनाह, किसने दिया ये आदेश. 

'मैं अपने बेटी का असली बाप नहीं', आरोप निकला झूठा तो जज ने सुना दिया फरमान- इसे 80 कोड़े मारो

Pakistani court sentences man to 80 lashes: मुस्लिम देश पाकिस्तान में कानून संविधान के बुनियाद पर चलता है. भले ही वहां सेना, सत्‍ता और आवाम इन तीनों का वर्चस्व बना रहा हो. इसी बीच कराची की एक अदालत ने ऐसा फैसला सुनाया कि हर कोई हक्का-बक्का रह गया. कराची की एक सेशन कोर्ट ने एक दुर्लभ सजा सुनाते हुए एक व्यक्ति को 80 कोड़े मारने का आदेश दिया है. अदालत ने उस व्यक्ति को अपनी पत्नी पर व्यभिचार का झूठा आरोप लगाकर अपनी बेटी को अपनाने से इनकार करने का दोषी पाया था.

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मालिर शेहनाज बोह्यो ने आरोपी फरीद कादिर को कम से कम 80 कोड़े मारने की सजा सुनाई. आदेश में कहा गया कि "जो कोई भी इस तरह के अपराध के लिए जिम्मेदार होगा, उसे उसे 80 कोड़े मारने की सजा दी जाएगी."

आरोपी नहीं कर पाएगा अपना बचाव
अदालत ने यह भी फैसला सुनाया कि संघीय शरीयत अदालत से दोषसिद्धि की पुष्टि के बाद किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई अन्य साक्ष्य किसी भी अदालत में स्वीकार्य नहीं होगा. यानी आरोपी फरीद कादिर का कोई भी साक्ष्य अपने बचाव में पेश किया जाएगा वह किसी भी अदालत में मान्य नहीं होंगे. 

पूरा मामला जानें इससे पहले जानें पत्नी का आरोप
पूर्व पत्नी ने फरीद कादिर (दोषी) के खिलाफ अदालत में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि उसकी शादी फरवरी 2015 में हुई थी और वह कम से कम एक महीने तक फरीद के साथ रही थी. दिसंबर 2015 में एक बेटी का जन्म हुआ.  

पति ने नहीं दिया भरण-पोषण
फरीद की पूर्व पत्नी ने कहा, “मेरे पति (फ़रीद) भरण-पोषण देने या मुझे और हमारी नवजात बेटी को कभी घर वापस नहीं ले गए.  जिसके बाद मैंने पारिवारिक न्यायालय में मामला दायर किया और मेरे पक्ष में डिक्री प्राप्त हुई.9  अदालत ने फरीद को अपनी बेटी और मेरे (फरीद की पूर्व पत्नी) के भरण-पोषण की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.

पति ने बेटी को नहीं माना अपना

पति ने कार्यवाही के दौरान अदालत में दो आवेदन प्रस्तुत किए, जिसमें बच्ची के लिए डीएनए परीक्षण और अपनी बेटी को अस्वीकार करने की मांग की. बाद में यह आवेदन फरीद ने वापस ले लिए.

पति का पत्नी पर आरोप
दूसरी ओर, आरोपी फरीद ने अपनी पूर्व पत्नी की तरफ से लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उसकी पत्नी ने उसके साथ केवल छह घंटे बिताए थे. उसने कहा, “मैं और मेरी पत्नी केवल छह घंटे ही साथ रहे. फिर वह घर से चली गई और कभी वापस नहीं लौटी.'' इसलिए बेटी मेरी नहीं है. लेकिन अदालत ने नहीं माना और सजा सुना दी. न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा: "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आरोपी झूठा है और उसने शिकायतकर्ता पर उसकी बेटी की नाजायजता के संबंध में कज़फ़ का आरोप लगाया था. जो गलत है.

पाकिस्तान में कोडे मारने की नहीं है सजा?
इस मामले में अभियोजक सायरा बानो ने कहा, ' एक वकील के रूप में अपने पिछले 14 सालों की सेवा के दौरान मैंने कफ्ज अध्यादेश की धारा 7 के तहत कोड़े मारने की कोई सजा नहीं देखी है.' उन्होंने कहा, 'कोड़े मारने की यह सजा दशकों में शारीरिक दंड के रूप में अपनी तरह की पहली घटना हो सकती है.' 

Trending news