Pakistan General Election 2024: पाकिस्तान को संकट से उबारने की उम्मीद लिए आज देश के करोड़ों लोग वोट करेंगे. कंगाल होते देश को संभालने के लिए 'टाइगर' सिंबल पर चुनाव लड़ रही नवाज शरीफ की पार्टी की जीत के आसार दिखाई दे रहे हैं.
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Nawaz Sharif Pakistan Election Today: बम धमाकों की दहशत और बढ़ती गरीबी के बीच आज पाकिस्तानी अपना रहनुमा चुनने के लिए वोट कर रहे हैं. चुनाव शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही बलूचिस्तान में चुनाव कार्यालयों को निशाना बनाकर दो बड़े धमाके हुए. इसमें 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. पड़ोसी मुल्क इस समय चौतरफा संकट से घिरा है. अब नए वजीर-ए-आजम से देश खासतौर से युवाओं को काफी उम्मीदें हैं. पूर्व पीएम इमरान खान जेल में बंद हैं. ऐसे में पीपीपी के बिलावल भुट्टो जरदारी के सामने नवाज शरीफ (Nawaz Sharif and Bilawal Bhutto) का पलड़ा भारी लग रहा है. हालांकि इस बार चुनाव में निर्दलीय भी चमत्कार कर सकते हैं. इमरान की पार्टी के सभी नेता चुनाव चिन्ह न मिलने के कारण स्वतंत्र रूप से लड़ रहे हैं.
कैसे होता है पाकिस्तान में चुनाव
- पाकिस्तान में अब तक 11 बार आम चुनाव हो चुके हैं. हालांकि हर बार धांधली के आरोप लगते रहे.
- पाकिस्तान में संसदीय लोकतंत्र है और आज संघीय विधायिका यानी नेशनल असेंबली के साथ-साथ चार प्रांतीय विधायिकाओं के लिए भी वोट डाले जाएंगे. नेशनल असेंबली में 336 सीटें हैं जिसमें से 266 सदस्यों के लिए आज मतदान होगा.
- बाकी 70 आरक्षित सीटें हैं जिसमें 60 महिलाओं और 10 गैर-मुस्लिमों के लिए हैं. इन सीटों का आवंटन सदन में हर पार्टी की स्ट्रेंथ के हिसाब से होता है.
- वोटिंग सुबह 8 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगी.
- नेशनल असेंबली के लिए 5,121 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें से 4807 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल हैं. चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 12,695 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 12123 पुरुष, 570 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर हैं. इस चुनाव में 12.85 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत मतदाता वोट करने वाले हैं.
शरीफ Vs बिलावल
विजेता उम्मीदवार नेशनल असेंबली के सदस्य होंगे. स्वतंत्र उम्मीदवारों के पास चुनाव के बाद किसी पार्टी में शामिल होने का विकल्प रहेगा. यही वजह है कि बिलावल के अब्बू पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के चुनाव बाद 'खेला' करने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. साफ है अगर नवाज को बहुमत नहीं मिला तो जोड़तोड़ का गेम हो सकता है. पाकिस्तानी मीडिया और पत्रकारों की मानें तो नवाज शरीफ की लोकप्रियता ज्यादा है. इमरान के जेल में होने का भी उन्हें सीधा फायदा मिल सकता है. फिलहाल सेना का सपोर्ट भी पूर्व पीएम शरीफ के साथ है. इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की मुश्किल यह है कि उनके उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि वहां के सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव चिह्न क्रिकेट ‘बल्ला’ न देने के निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा है.
भारत के लिए बेहतर कौन?
आज के चुनाव में 74 साल के नवाज शरीफ की नजर रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने पर होगी. दूसरी तरफ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 35 साल के बिलावल भुट्टो जरदारी हैं, जिन्हें उनकी पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया है. पीएम बनने के लिए नेशनल असेंबली में कम से कम 169 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी. अगर भारत के लिहाज से देखा जाए तो नवाज शरीफ ने चुनाव से पहले ही पड़ोसियों से बेहतर रिश्ते की बात कही है. वह मंझे हुए नेता हैं और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ नए रिश्तों की बुनियाद रख सकते हैं. वहीं बिलावल के पास सियासी अनुभव की कमी है. विदेश मंत्री रहे लेकिन भारत पर जहर उगलते रहे हैं.
चुनाव में AI का इस्तेमाल
देश में सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई माना जा रहा है. इस बार दिलचस्प यह रहा कि जेल में बंद होने के कारण इमरान खान ने अपने चुनाव प्रचार में एआई से बनाई आवाज और डिजिटल रैलियों का सहारा लिया. नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन का चुनाव चिन्ह टाइगर है. कुछ लोग सोशल मीडिया पर 'एक है टाइगर' लिख रहे हैं. इधर, चुनाव से ठीक पहले पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने इशारों में नवाज शरीफ को 'ओल्ड नेता' कहा है और देश की आर्थिक बदहाली के लिए उनके अहंकार और जिद को जिम्मेदार ठहराया है.