भारत सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करने के प्रयासों में आगे रहा है.
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संयुक्त राष्ट्र: भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से सुरक्षा परिषद की सुधार प्रक्रिया को आगे ले जाने के लिए नये तौर तरीके ढूढने की कोशिश करने का आह्वान करने के एक दिन बाद पाकिस्तान ने इस सुझाव की आलोचना की. उसने कहा कि कुछ देशों की सुरक्षा परिषद में अपने लिए स्थायी सीट हासिल करने की आंकाक्षा ही परिषद की प्रगति को हासिल करने में मुख्य रुकावट है. सुरक्षा परिषद की सुधार प्रक्रिया की धीमी गति से परेशान भारत ने सदस्य देशों से अतीत की वार्ताओं से दूर जाकर नहीं बल्कि उसी पर आगे बढ़ते हुए इस मुद्दे पर भरोसेमंद प्रगति हासिल करने के लिए नये तौर तरीके ढूढ़ने का आह्वान किया था.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या बढ़ाने को लेकर अंतरसरकारी वार्ताओं (आईजीएन) पर मंगलवार को एक अनौपचारिक बैठक में अफसोस के साथ कहा कि सुरक्षा परिषद सुधार लंबी प्रक्रिया की कोई सानी नहीं है और उसके जड़त्व का भी कोई जवाब नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हर सुझाव पर ‘ना’ नहीं होना चाहिए तथा सुधार प्रक्रिया की दिशा में आगे बढ़ने के लिए रचनात्मक मार्गों पर गौर करने की जरुरत है.
अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘यदि हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम विश्वसनीय प्रगति हासिल नहीं कर पाते हैं तो हमें इस बात पर पुनर्विचार करने से कतराना नहीं चाहिए कि हम इस महत्वपूर्ण मामले में कैसे शामिल हों. ’’ भारत के भाषण के बाद हस्तक्षेप करते हुए संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने बुधवार को भारत का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘कुछ देशों की अपने लिये स्थायी सीटें हासिल करने की आकांक्षा प्राथमिक रुकावट है.
यह कल की हमारी चर्चा से स्पष्ट है. जो देश आईजीएन प्रगति की समीक्षा की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले अपने रुखों की समीक्षा करनी चाहिए. सुधार के मूल पहलुओं पर लगातार मतभेद होने के बावजूद पाठ आधारित वार्ता पर अड़े रहना मतभेदों पर पर्दा डालने का एक दूसरा प्रयास है. भारत सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करने के प्रयासों में आगे रहा है.
उसका कहना है कि वह सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट का उपयुक्त हकदार है. पाकिस्तान ने जी 4 में भारत और अन्य सदस्य देशों पर सुरक्षा परिषद में सुधार पर प्रगति को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ सदस्य देशों की व्यक्तिगत आकांक्षा अंतर सरकार वार्ता में तरक्की में बाधक नहीं बननी चाहिए.